हिसार,
केंद्र सरकार द्वारा बजट प्रस्तावों के दौरान बीमाक्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने, सार्वजनिक बीमा कंपनी एलआईसी का आइपीओ लाकर शेयर बाजार में लिस्टिंग करने के विरोध में आज एलआईसी के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में भागीदारी करते हुए दफ्तर में कामकाज ठप्प रखा। यहां के अर्बन एस्टेट स्थित एलआईसी कार्यालय के समक्ष दोनों शाखाओं के कर्मचारियों व अधिकारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया तथा रोषस्वरुप धरना दिया। फील्ड अधिकारी भी दो घंटे का वॉकआऊट करते हुए हड़ताल में शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नार्दन जोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोशिएसन के उपाध्यक्ष त्रिलोक बंसल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बीमा, बैंक, रेलवे, तेल, दूरसंचार जैसी तमाम सरकारी कंपनियों को कॉरपोरेट घरानों को बेचना चाहती है जिसको देश का मेहनतकश वर्ग कदापि सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा।
विकास अधिकारी फैडरेशन के मंडल सचिव संजीव गुप्ता ने हड़ताली कर्मचारियों से आह्वान करते हुए कहा कि निजीकरण की लड़ाई केवल कर्मचारियों तक सीमित न होकर आमजनता की लड़ाई है। मोदी सरकार किसानों की जमीन से लेकर सभी सरकारी महकमों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंप देना चाहती है, जिसका किसान व कर्मचारी सडक़ पर आकर विरोध कर रहे है।
प्रदर्शनकारियो को स्थानीय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुरेन्द्र पूनिया, अजीत सिंह व ऑल इंडिया एससी/एसटी बुद्धिस्ट एलआईसी एम्पालईज वेलफेयर एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र ढ़ाका, फील्ड स्टाफ फैडरेशन के प्रधान दीपक ठकराल, बलदेव सिंह, सचिव नक्षत्र सिंह सोहल, विकेन्द्र मलिक, पेंशनर्स यूनियन के केएल नागपाल, रोहताश शर्मा, अभिकर्ता यूनियन के शशि शर्मा, जसविंद्र सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के नेता सुरेन्द्र मान, अध्यापक संघ के विनोद कुमार व बिजली निगम के अरुण यादव ने भी संबोधित किया और सरकार के जनविरोधी आर्थिक फैसलों की भत्र्सना करते हुए इस लड़ाई को और तीखा करने का आह्वान किया।