हिसार

किसान संगठनों ने किया एफसीआई कार्यालय पर प्रदर्शन

मैनेजर के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को भेजा ज्ञापन

हिसार,
संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसान सभा एवं अन्य किसान संगठनों ने सोमवार को एफसीआई कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद एफसीआई मैनेजर के माध्यम से केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर नंबरदार व सचिव सतबीर धायल ने किया। प्रदर्शन के बाद मंत्री के नाम दिए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले साल भारत सरकार द्वारा लाई गई तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी लिए किसान कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसान अपनी फसलों के मूल्य को लेकर चिंतित हैं। एफसीआई सहित प्रमुख खरीद एजेंसियां खरीद से दूर भाग रही हैं। किसान सभा की मुख्य मांगों का जिक्र करते हुए ज्ञापन में मांग की गई है कि गेहूं की खरीद के लिए जमाबंदी जमा करने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए, फसल का भुगतान काश्तकार को किया जाना चाहिए, सीधे बैंक खाते में भुगतान की व्यवस्था वर्तमान समय में वापस की जानी चाहिए, इसे जल्दबाजी में लागू करने से कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो किसानों को फसल की कीमत चुकाने में बाधा उत्पन्न करेंगी, निर्धारित एमएसपी पर या उससे ऊपर के मूल्य पर ही खरीद की जानी चाहिए और उसकी कीमत से नीचे के खरीददारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह भी कहा गया कि भारत सरकार एफसीआई का बजट लगातार कम कर रही है, साथ ही एफसीआई के खरीद केंद्रों को कम कर दिया गया है। एफसीआई के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाए और इसका पूरा उपयोग किया जाए, लाखों-करोड़ों लोगों के लिए भोजन का स्रोत एफसीआई के माध्यम से पीडीएस सेवा है, सरकार द्वारा भंडारण जारी रखा जाना चाहिए और सुचारु रुप से चलना चाहिए ताकि लोगों को भूख से पीडि़त न होना पड़े, किसान की फसल खरीद की प्रक्रिया को न्यूनतम समय में पूरा किया जाना चाहिए, बारदाना व अन्य सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। मांग की गई कि एफसीआई के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए और रिक्त पदों को भी भरा जाना चाहिए।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो संघर्ष तेज किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में किसान सभा के प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा, रमेश मिरकां, सुखबीर बिचपड़ी, देवेंद्र सिंह लौरा, वजीर सिंह, प्रताप सिंह ठोलेदार, कुलदीप खरड़ आदि के अलावा सैंकड़ों किसान भी उपस्थित थे।

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