नई दिल्ली
चीन के मेगा प्रॉजेक्ट ‘वन बेल्ट वन रोड’ पर होने वाले सम्मेलन से ठीक पहले भारत ने इसके मौजूदा रूप को खारिज करते हुए इस पर पड़ोसी देश से बातचीत की इच्छा जताई है। चीन के इस प्रॉजेक्ट में एशिया, यूरोप और अफ्रीका को हाइवे, ट्रेनों और शिप के नेटवर्क के जरिए जोड़ने का प्लान है। इस पर 2 दिन का सम्मेलन रविवार से पेइचिंग में होने जा रहा है। भारत ने इस सम्मेलन के लिए निमंत्रण मिलने की पुष्टि की है, लेकिन इसमें भागीदारी पर चुप है। खबरों के मुताबिक भारत की ओर से सम्मेलन का बॉयकॉट तय माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार रात कहा कि तथाकथित ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ के बारे में भारत की स्थिति से दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है। इस गलियारे को ‘वन बेल्ट वन रोड’ की प्रमुख परियोजना के रूप में पेश किया जा रहा है। कोई भी देश उस प्रॉजेक्ट को स्वीकार नहीं कर सकता है, जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर मुख्य चिंताओं को अनदेखा करता हो।
यहां बता दें कि कॉरिडोर की योजना गिलगित-बाल्टिस्तान से ले जाने की है, जो भारत का हिस्सा रहा है। सम्मेलन में शामिल होने या न होने पर स्पष्ट रुख अपनाने की जगह प्रवक्ता ने कहा कि हम कनेक्टिविटी की पहल, ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पर सार्थक बातचीत करने के लिए चीन से आग्रह कर रहे हैं और हम चीनी पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि भूटान को छोड़ भारत के सभी पड़ोसी देश सम्मेलन में शिरकत करेंगे। शुक्रवार को नेपाल ने प्रॉजेक्ट पर चीन के साथ समझौता किया। अमेरिका और रूस की भी मौजूदगी होगी।