हिसार

ईमानदार उपभोक्ताओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला एसीडी नियम स्थगित नहीं रद हों : अग्रवाल

एसीडी नियम रद करवाने के लिए जन-प्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए

हिसार,
प्रदेश में हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के आदेश के तहत नागरिकों से बिजली बिल के साथ ली जा रही अग्रिम खपत जमा राशि मुद्दे पर सजग व सजग की सभी घटक संस्थाओं सजग, हरियाणा अग्रवाल विकास संगठन, सेवा फाऊंडेशन, संयम, अखिल भारतीय राज साहित्य मंच व श्री खाटू श्याम भंडारा ट्रस्ट के प्रतिनिधियों की बैठक सजग के डीएन कालेज रोड स्थित कार्यालय में सजग अध्यक्ष सत्यपाल अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कोरोना संकट को देखते हुए सभी संस्थाओं से केवल एक-एक प्रतिनिधि नरेन्द्र गर्ग, रतन लाल बंसल खेड़ा, राजेश जैन, अखिल बागड़ी व गौरीशंकर ने भाग लिया।
बैठक में दिल्ली में प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह व हिसार में निगम के एमडी डा. बलकार सिंह के साथ एसीडी नियम को रद करने की मांग कर रहे बिजली उपभोक्ता प्रतिनिधिमंडल की दो दौर की बैठक के बाद बिजली मंत्री व बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक में बनी सहमति से ट्रिब्यूनल को एसीडी लागू करने के निर्णय को दो साल टालने की भेजी गई सिफारिश पर बिजली उपभोक्ता प्रतिनिधियों में असंतुष्टि को देखते हुए बिजली मंत्री द्वारा विचार विमर्श करने के लिए 17 अप्रैल को चंडीगढ़ में प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने का स्वागत किया गया।
बैठक में बिजली मंत्री रणजीत सिंह व इस मुद्दे पर आगे आए प्रतिनिधियों द्वारा किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों एवं प्रदेश सरकार के सत्ता पक्ष के कुछ प्रतिनिधियों द्वारा इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से बातचीत करने की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि सत्ता पक्ष व विपक्ष में बैठे सभी जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य बनता है कि वे पहले से ही कोरोना काल की मार झेल रहे अपने नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाले एसीडी नियम पर तुरंत आवाज उठा कर इसे रद करवाएं।
बैठक में एसीडी नियम को सरासर गलत बताते हुए कहा गया कि उपभोक्ताओं पर एसीडी थोंपने के पीछे एचईआरसी का तर्क है कि कुछ उपभोक्ता बिजली बिल भरे बिना ही चले जाते हैं जिससे निगम को नुकसान होता है, क्योंकि निगम दो माह बिजली उपभोग करने के बाद बिल देती है इसलिए सुरक्षा के तौर पर सभी उपभोक्ताओं से चार माह के बिलों की राशि के बराबर राशि अग्रिम खपत जमा राशि के नाम से जमा करवाई जाये। बैठक में इस प्रकार निगम द्वारा सभी बिजली उपभोक्ताओं को एक तराजू में तोल कर ईमानदार उपभोक्ताओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने के रवैए की घोर निंदा की गई। बैठक में यह भी कहा गया कि सरकार द्वारा जितना रीचार्ज उतनी बिजली के तहत प्रदेश में प्री पेड स्कीम लागू की जा रही है उस सूरत में तो सुरक्षा के लिए अग्रिम जमानत राशि का कोई औचित्य ही नहीं रहता, अत: एसीडी नियम को दो साल के लिए स्थगित करने की बजाय हर दृष्टिकोण से निरस्त करना आवश्यक है। बैठक में उम्मीद जताई गई कि शनिवार को चंडीगढ़ में बिजली मंत्री व उपभोक्ता प्रतिनिधियों की होने वाली बैठक में अवश्य ही एसीडी निरस्त का रास्ता तय होगा।

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