आदमपुर,
आदमपुर में मई माह में हुई मौतों के आंकड़े डरा रहे हैं। इस माह अब तक 11 दिनों में 22 मौते हो चुकी है। आदमपुर श्मशान घाट (बैकुंठ धाम) के रजिस्टर में 11 मई तक 21 मौत के आंकड़े दर्ज है जबकि 22वीं मौत सरपंच सुभाष चंद्र अग्रवाल की रतिया में हो चुकी। अंतिम संस्कार रतिया में होने के कारण नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं है। ऐसे और भी लोग हो सकते हैं जिनके अंतिम संस्कार बाहर हुए है। इस वर्ष जनवरी माह में जहां तीन महिलाओं सहित 5 लोगों के दाह संस्कार हुए थे वहीं फरवरी व मार्च में 8-8 लोगों के संस्कार हुए।
कोरोना की दूसरी लहर आने के साथ ही अप्रैल माह में यह आंकड़ा बढ़कर 19 हो गया। मई में अब तक श्मशान में 21 लोगों के संस्कार हो चुके हैं इनमें अधिकतर संस्कार कोविड प्रोटोकोल के तहत किए गए हैं। यानी 11 दिनों में 22 लोगों की मौत हो चुकी है। आदमपुर में यह भी एक रिकार्ड है जब कम समय में इतनी मौत हुई है। मंगलवार को चार लोगों के अंतिम संस्कार किए गए।
कुछ ऐसी ही स्थिति लगभग सभी बड़े गांवों में देखने को मिल रही है। दूसरी लहर के आने के बाद से लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं।
अब हालत यह हो गई कि जब भी एंबुलेंस का सायरन बजता है तो आदमपुर के लोग घबरा जाते हैं। लगातार मौत के तांडव ने लोगों को भयभीत कर रखा है। आदमपुर से अस्पतालों में दाखिल लोगों का आंकडा काफी बढ़ा होने के कारण चिंता और अधिक बढ़ रही है। वहीं बुजुर्गों से अब मौत की खबरें छुपानी भी आरंभ कर दी गई है ताकि वे डिप्रेशन में ना आ जाएं।