हिसार,
हिसार में मुख्यमंत्री का विरोध करने वाले किसानों को कोविड अस्पताल का विरोधी बताने की स्क्रिप्ट लिखकर सभी पदाधिकारी,मोर्चा अध्यक्ष, प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं मंडल अध्यक्ष इस बयान को वीडियो रिकॉर्ड कर अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालने का निर्देश दिया गया था।
जिला भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पार्टी की टिकट पर आदमपुर विधानसभा चुनाव लड़ चुके पवन खारिया की फेसबुक पर डाली गई पोस्ट में यह पूरी स्क्रिप्ट ज्यों की त्यों पोस्ट की गई है। इसमें भाजपा के पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए पूरी स्क्रिप्ट की विडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया अकाउंट पर डालने को कहा गया है। इस निर्देश से साफ होता है कि भाजपा का एक तबका ‘सीएम के विरोध’ को ‘अस्पताल के विरोध’ में तबदील करवाने की राजनीति कर रहा है।
लेकिन भाजपा नेताओं को समझ लेना चाहिए कि प्रदेश के लोग सब समझते हैं। उनको अच्छी तरह से पता कि किसान कोविड अस्पताल को विरोध नहीं कर रहे। किसान ‘भाजपा’ का भी विरोध नहीं कर रहे—वे केवल ‘सत्ताधारी नेताओं’ का विरोध कर रहे हैं। विरोध का कारण भी कृषि कानून है ना कि कोविड अस्पताल। यदि सरकार इन कानूनों को वापिस ले लेती है तो किसान ‘सत्ताधारी नेताओं’ का भी विरोध नहीं करेंगे।
कुल मिलाकर इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेता के कम सोशल मीडिया ज्ञान के कारण पूरी स्क्रिप्ट आउट हो गई। अब पार्टी नेताओं की किसानों द्वारा ‘कोविड अस्पताल विरोध’ की थ्योरी करीब—करीब फेल ही हो गई है। ऐसे में पार्टी नेताओं को चाहिए कि वे इसे भूलकर अब पूरे संगठन को जनसेवा में समर्पित करे ताकि लोगों का विश्वास उन पर कायम रह सके।