हिसार,
देश के किसानों एवं ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ 26 मई को विरोध दिवस/काला दिवस में भागीदारी करेगा। व्यापक एकता का परिचय देते हुए किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी एवं शिक्षक जन विरोधी नीतियों का विरोध कर मुंहतोड़ जवाब देने का काम करेंगे ।
राज्य वरिष्ठ उपप्रधान जयवीर सिंह, उपमहासचिव प्रभु सिंह, संगठन सचिव धर्मेन्द्र ढांडा, उप प्रधान अलका, जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी व जिला सचिव पवन कुमार ने एक संयुक्त बयान में बताया कि कोरोना महामारी के विकटतम दौर में प्रदेश के शारीरिक शिक्षक 1 वर्ष से सडक़ की धूल फांक रहे हैं। सरकार नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए इन शारीरिक शिक्षकों को शीघ्र समायोजित करें तथा कला अध्यापकों को भी शीघ्र कार्य ग्रहण करवाया जाए। इसके अलावा अन्य विभागों के छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को भी शीघ्र सेवा में लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का शिक्षक इस महामारी में अन्य कर्मचारियों के साथ अग्रिम मोर्चे पर सहयोग कर रहा है। इसलिए अध्यापक संघ मांग करता है कि शिक्षकों को भी कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए व महामारी के कारण अकाल मृत्यु प्राप्त होने पर परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इसी के साथ सभी वर्गों की पदोन्नति सूचियां जारी की जाएं, व्यवहारिक रैशनेलाइजेशन करते हुए तबादले किए जाएं, मेवात क्षेत्र को भी उपरोक्त मांगों में शामिल किया जाए, 2016-19 की एलटीसी का बजट तथा 2020-23 ब्लॉक की एलटीसी स्वीकृत करने और बजट जारी करने की प्रक्रिया आरंभ की जाए, दिल्ली की तर्ज पर कोरोना के दौरान अकाल मृत्यु को प्राप्त अध्यापकों को विशेष आर्थिक मदद दी जाए, छात्रों को प्रोत्साहन राशियां व पाठ्यपुस्तक शीघ्र प्रदान करने सहित अध्यापक संघ के मांग पत्र में शामिल शेष मांगों को भी शीघ्र हल किया जाए।
अध्यापक संघ नेताओं ने जिले के समस्त अध्यापकों से अपील की है कि 26 मई को अपने कार्यक्षेत्र/सर्व कर्मचारी संघ के साथ/ जिला स्तर पर शारीरिक शिक्षकों के धरने स्थल पर काली पट्टियां बांधकर विरोध प्रदर्शनों में महामारी से बचाव की सावधानियां रखते हुए भागीदारी करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र वार्तालाप के माध्यम से मांगों का कोई सकारात्मक हल नहीं निकाला तो संघ की राज्य स्तरीय मीटिंग कर आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।