हिसार,
निकटवर्ती गांव बाडो पट्टी टोल प्लाजा पर किसानों, मजदूरों व ग्रामीणों का धरना आज 152वें दिन भी जारी रहा। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता चन्द्रभान पूनिया ने की जबकि बलदेव सिंह बोराणा चमारखेड़ा ने संचालन किया।
बाडो पट्टी टोल कमेटी से किसान नेताओं ने बताया कि लोकतंत्र में लोक बड़े होते हैं तंत्र नहीं। दिल्ली की सीमाओं समेत देश के तमाम किसान धरनों और टोलों पर 26 मई को बुद्धपूर्णिमा मनाई जाएगी। सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून पूरी तरह जुल्म और असमानता की वकालत करते हैं। किसानों का यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण चल रहा है और सच के लिए लड़ा जा रहा है। किसान आंदोलन के 6 महीने पूरा होने और केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सभी गांवों और टोल पर विरोध दिवस मनाएगा और सभी जगह सरकार के पुतले जलाए जाएंगे। काले झंडे अपने टोलों और गाडिय़ों पर लगाकर विरोध प्रदर्शन करना है।
धरने प्रदर्शन में चमारखेड़ा से बलबीर सिंह ढुकिया, छबीलदास, सतबीर भांभू, प्रताप सिंह पूनिया, धर्मसिंह ढुकिया, बलराज, संदीप मेहला, धर्मपाल छिरंग, दिवान सिंह, बबलू श्योराण, मनजीत छिरंग, अशोक लंबोरिया, सुभाष चमारखेड़ा, राजू भगत सरसौद, सरदानंद राजली, रीमन नैन खेदड़, बलवान बैनीवाल, नरेश भ्याण, धोला जेवरा, मास्टर महेंद्र सिंह पूनिया, रामफल बालक, ऋषिकेश राजली, राजकुमार चहल राजली, विरेन्द्र नैन, राजेंद्र हसनगढ़, विकलांग मंच के प्रधान नसीब खान राजली, वेदसिंह सरसौद, सुनील बिचपड़ी, सरोज बिचपड़ी, चन्द्र व संतोष सहित संैकड़ों किसान मजदूर पहुंचे।