हिसार,
‘आज पूरे विश्व की स्वास्थ्य व पर्यावरण संबधी सभी समस्याओं का समाधान यज्ञ-हवन है। इसलिए भारत की इस प्राचीन पद्धति को घर -घर पहुंचाने के लिए यज्ञ-हवन विश्व कल्याण संगठन का गठन किया गया है।’
संगठन के संयोजक सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि भारत के वैदिक सनातन धर्म में यज्ञ-हवन को बहुत महत्व देते हुए इसे सर्वश्रेष्ठ कर्म कहा गया है। यज्ञ-हवन से शारीरिक मानसिक व आध्यात्मिक बल बढ़ता है और वातावरण शुद्ध हो जाता है। वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि यज्ञ-हवन और मंत्रों में स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने की शक्ति होती है। प्रदूषण के कारण दिन प्रतिदिन नई-नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। यज्ञ-हवन की अग्नि व धुआं वातावरण में मौजूद विषाणुओं को समाप्त करते हैं। हमारा समाज अपनी इस पारंपरिक धरोहर को भूलता जा रहा है, जिस कारण रोग तथा अशुद्धि बढ़ रही है। दयानंद कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक प्रो. हरीश जुनेजा जो कि इस संगठन के संरक्षक है, ने बताया कि यह संगठन यज्ञ-हवन का प्रचार प्रसार करेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। यज्ञ-हवन का महत्व बताने के लिए यज्ञ साहित्य का प्रकाशन किया जाएगा और जो लोग अपने घरों में यज्ञ-हवन करवाना चाहेंगे उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि 11 सदस्यों की कार्यकारिणी के अतिरिक्त संगठन ने परामर्श मंडल व संरक्षक मंडल का भी गठन किया है। इसमें नगर के बुद्धिजीवियों को मनोनीत किया जा रहा है। इस संगठन द्वारा इच्छुक युवक-युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दे कर यज्ञ-हवन की उपयुक्त विधि सिखाई जाएगी। परामर्श मंडल में संस्कृत विद्वान आचार्य सत्यकाम, डॉ. प्रमोद योगार्थी, ईश आर्य व सुभाष आर्य को शामिल किया गया है।