रणदीप हुड्डा के खिलाफ भी हो मुकदमा दर्ज
हिसार,
फिल्मी दुनिया की सेलिब्रिटीज द्वारा अनुसूचित जाति के खिलाफ टिप्पणियों से पूरा अनुसूचित जाति समाज रोष में है तथा सोशल मीडिया पर भी इन फिल्म कलाकारों की जमकर निंदा हो रही है। हांसी पुलिस ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी व शाहरुख खान अभिनीत मशहूर फिल्म ओम शांति ओम तथा बिग बॉस विजेता युविका चौधरी के खिलाफ थाना शहर हांसी में दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन की शिकायत पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
शिकायतकर्ता रजत कलसन ने कहा कि पुलिस ने अभी तक किसी भी सेलिब्रिटी की गिरफ्तारी का कोई प्रयास नहीं किया है ना ही किसी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है जबकि इन सेलिब्रिटीज के आधिकारिक ट्विटर, इंस्टाग्राम व फेसबुक अकाउंट मौजूद है। कलसन ने हांसी की पुलिस अधीक्षक व इन मुकदमा की जांच अधिकारी से मांग की कि आरोपियों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने के प्रयास करें और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए उनके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत से अरेस्ट वारंट जारी कराए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में जांच अधिकारी को आरोपी सेलिब्रिटीज के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कराने के लिए निर्देश दिलाने के लिए विशेष अदालत का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामला अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज है तथा जांच अधिकारी को इस मामले की जांच 30 दिन के अंदर पूरी करनी होती है परंतु अभी तक कोई भी विजिबल एक्शन जांच अधिकारी द्वारा नहीं लिया गया है।
रजत कलसन ने कहा कि सेलेब्रिटी द्वारा अनुसूचित जाति के प्रति अशोभनीय टिप्पणी कर टीआरपी हासिल करने का प्रचलन चल पड़ा है तथा इस चलन पर रोक लगाना जरूरी है इसलिए इन सेलिब्रिटीज के खिलाफ उनके द्वारा मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। कलसन ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार सभी लोगों को सम्मान से जीने का अधिकार हासिल है तथा कोई इससे छेड़छाड़ नहीं कर सकता, अगर ऐसा करता है तो वह भारतीय कानून के अंतर्गत गंभीर अपराध है।
नेशनल अलायन्स फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने हिसार के पुलिस अधीक्षक से मांग की कि वे रणदीप हुड्डा के खिलाफ अधिवक्ता मलकीत सिंह द्वारा दी गई शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज करें। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इस मामले में जानबूझकर अनावश्यक देरी की जा रही है। अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 18ए के तहत अनुसूचित जाति के अपमान का अत्याचार की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करना आवश्यक है तथा रणदीप हुड्डा के बयान से प्रथम दृष्टया अनुसूचित जाति अत्याचार का मामला प्रकट हो रहा है।