हिसार

विश्व दुग्ध दिवस पर लुवास के छात्रों का उमड़ा उत्साह

हिसार,
यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में विश्व दुग्ध दिवस (वल्र्ड मिल्क डे) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के दुग्ध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। कोरोना महामारी को देखते हुए सभी प्रतियोगिताओं का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से ही किया गया। इन प्रतियोगिताओं में विभिन्न महाविद्यालयों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
इस उपलक्ष पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह ने विजेताओं को बधाई दी एवं सभी प्रतिभागियों को प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते रहने के लिए प्रेरित किया। डॉ. गुरदियाल सिंह ने दूध को भोजन एवं पोषण का महत्वपूर्ण अंग बताया। साथ ही उन्होंने वैश्विक महामारी के समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले दुग्ध एवं खाद्य उत्पादों के अनुसंधान एवं प्रसंस्करण को भविष्य की जरुरत बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
दुग्ध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय मुख्याधिष्ठाता डॉ. जेबी फोगाट ने प्रतिस्पर्धा के सफल आयोजन के लिए आयोजक मंडल को बधाई दी। साथ ही उन्होंने दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों को भोजन में सम्मिलित करने पर बल दिया। इसी संदर्भ में उन्होंने खाद्य सुरक्षा नियमों की कड़ाई से पालना को समय की मांग बताया। इस क्रम में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में उज्जवल (पशु चिकित्सा महाविद्यालय-चतुर्थ वर्ष) ने प्रथम, प्रेरणा रंजन (पशु चिकित्सा महाविद्यालय-प्रथम वर्ष) एवं निशांत (दुग्ध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय-द्वितीय वर्ष) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। छायांकन (फोटोग्राफी) प्रतियोगिता में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष के छात्र अजय कुमार ने प्रथम एवं यश हरीश (आईआईवीईआर, बहु अकबरपुर) तथा नेहा (दुग्ध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय-द्वितीय वर्ष) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
महाविद्यालय द्वारा आयोजित व्यंग्य-चित्र (कार्टून) प्रतियोगिता में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के साहिल बहल ने प्रथम स्थान हासिल किया। आईआईवीईआर, बहु अकबरपुर के छात्र शोभित ने द्वितीय एवं विनय (पशु चिकित्सा महाविद्यालय-प्रथम वर्ष) ने तृतीया स्थान प्राप्त किया। पुलकित कौशल को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। ज्ञात रहे कि वर्ष 2001 से यूनाइटेड नेशंस की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाईजेशन (भोजन एवं कृषि संगठन) ने दूध के महत्व को समझते हुए विश्व दुग्ध दिवस (वल्र्ड मिल्क डे) मनाने की शुरुआत की।

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