हिसार

‘त्रिकाल के गीत’-डॉ. राधेश्याम शुक्ल की कृति का लोकापर्ण समारोह आयोजित

हिसार,
डॉ. राधेश्याम शुक्ल के किताब ‘त्रिकाल के गीत’ का विमोचन समारोह सर्वाेदय भवन में आयोजित किया गया। इस पुस्तक में शुक्ल जी की तीन गीत, गजल और दोहों की रचनाएं समवेत रूप में एकरी जिल्द में संग्रहित हैं और ये पुस्तकें ‘पंखुरी-पंखुरी झरता गुलाब’ ‘त्रिविधा’, ‘एक बादल मन’ तीन कालखंडों की रचनाएं हैं। इसलिए समवेत संकलन का नाम ‘त्रिकाल के गीत’ रखा गया है।
पुस्तक के विमोचन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पीके संधीर ने पुस्तक की एक सामयिकता पर अपना संक्षिप्त वक्तव्य प्रस्तुत किया। होली चाइल्ड स्कूल के प्राचार्य राजपाल सिंधू ने रचनाओं के सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डाला। पीके संधीर और राजपाल सिंधू स्थानीय अखिल भारतीय परिषद के संरक्षक और परामर्शक हैं। भिवानी से पहुंचे डॉ. रमाकांत शर्मा और डॉ. शिवकांत ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए रचना और रचनाकार शुक्ल के कृतित्व और व्यक्तित्व की एकरूपता को विशेष रूप से उजागर किया। कार्यक्रम में भाजपा के पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुजीत कैमरी ने आयोजन पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन समाज को भाईचारा और एकता में जोड़ते हैं, जो हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान को बढ़ाता है।

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