हिसार

ऋषिकेश में नेपाल के राजदूत रामप्रसाद सुबेदी से मिले सहजानंद सरस्वती

ऋषिकेश वेद निकेतन आश्रम में नेपाल के राजदूत राम प्रसाद सुबेदी के आगमन पर मौजूद रहे सहजानंद सरस्वती

हिसार,
ऋषिकेश के वेद निकेतन में भारत में नेपाल के राजदूत राम प्रसाद सुबेदी के आगमन पर आयोजित कार्यक्रम में वेद निकेतन धाम के संचालक एवं अध्यक्ष विजयानंद सरस्वती के अलावा हिसार से मिशन ग्रीन फाऊंडेशन के अध्यक्ष स्वामी सहजानंद सरस्वती व अन्य संतों ने भाग लिया। इसमें नेपाल के राजदूत राम प्रसाद सुबेदी ने भारत को नेपाल का बड़ा भाई बताते हुए दोनों के मजबूत संबंधों की बात कही।
नेपाल के राजदूत ने कहा कि हमारे संबंध इस प्रकार हैं जिस प्रकार नदी का पानी एक समान बहता है जिसमें लहरें आती और जाती रहती हैं परंतु नदी अपना प्रवाह कभी नहीं बदलती। उन्होंने कहा कि इन संबंधों में स्थिरता होने की आवश्यकता है। दोनों देशों के संबंध अनादि काल से हैं जो कि निरंतर बने रहेंगे। उनका कहना था कि राजनीतिक दृष्टि से ही हमारे संबंध काफी सुधरे हैं क्योंकि सालों से नेपाल भारत के साथ जुड़ा है और भारत व नेपाल की ज्ञान संस्कृति भी एक समान है। उन्होंने स्वयं को पावन नगरी ऋषिकेश में संतों के बीच होने के लिए स्वयं को धन्य व अभिभूत बताया।
हिसार के स्वामी सहजानंद सरस्वती ने कहा कि भारत और नेपाल दो जिस्म एक जान की तरह हैं। हमने नेपाल में पर्यावरण व योग को लेकर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं और भविष्य में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। भारत और नेपाल दोनों ही हिन्दू धर्म की बुनियाद पर टिके हुए हैं। दोनों न कभी अलग हुए हैं और न ही होंगे। भारत और नेपाल के संबंधों को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए भारत में नेपाल के राजदूत रामप्रसाद सुवेदी हमारे बीच हैं इनके पावन नगरी ऋषिकेश में आगमन से दोनों देशों में धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में भी निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने मिशन ग्रीन फाऊंडेशन द्वारा चलाई जा रही ‘मेरी शान मेरा थैला-क्यों करें राष्ट्र को मैला’ मुहिम के तहत नेपाल के राजदूत को कपड़े का थैला भी भेंट किया।
इस अवसर पर वेद निकेतन के संचालक अध्यक्ष स्वामी विजयानंद ने कहा कि भारत नेपाल संस्कृति के लिहाज से एक है जिसका उदाहरण केदारनाथ में बैल का कंधा केदारनाथ में तथा पशुपति में मुंह होना भी है। उन्होंने कहा कि हमारे व नेपाल के बीच रोटी बेटी के संबंध भी आज तक बने हैं जिसे नेपाल और भारत समझता है। भारत और नेपाल के संबंध भविष्य में भी प्रगाढ़ और मजबूत बने रहने रहेंगे। इस पत्रकार वार्ता में स्वामी विजयानंद सरस्वती, स्वामी प्रणवानंद, स्वामी सहजानंद आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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