आदमपुर,
श्री गणेश कला मंडल के संस्थापक व संरक्षक रामअवतार सारंगपुरिया का निधन हो गया। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार आज 10 बजे बैकुंठधाम में किया जायेगा। उनका निधन आदमपुर क्षेत्र के कलाकारों के लिए बड़ी क्षति है।
रामअवतार सारंगपुरिया ने आदमपुर में कला को नई पहचान दी। रामलीला मंच के माध्यम से उन्होंने कई उम्दा कलाकार तैयार किए। हरमोनियम और विभिन्न राग में उनकी जान बसती थी। उनके दिन की शुरुआत और रात हरमोनियम के साथ ही होती थी। उनके मिलनसार स्वभाव और दिल खोलकर खर्च करने के स्वभाव के चलते वे आदमपुर में ‘सेठ जी’ के नाम से प्रसिद्ध थे। जब भी रामलीला को घाटा होता वे स्वयं उस घाटे को वहन कर लेते थे।
भगवान राम के उपासक रहे रामअवतार सारंगपुरिया ने आदमपुर में धार्मिक भाईचारी की ऐसी मिशाल कायम की जो देशभर में कहीं देखने को नहीं मिलती। उन्होंने रामलीला में मुस्लिम कलाकारों को ना केवल रोल दिया बल्कि शहाबुद्दीन कुरैसी जैसे उम्दा कलाकार को वर्षों से राम की भूमिका देकर नया इतिहास लिखा। उनके प्रयासों के चलते आज 12 से ज्यादा मुस्लिम कलाकार रामलीला में विभिन्न भूमिका में दिखाई देते हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने आदमपुर में मुस्लिम समाज के लोगों को मस्जिद बनाने में सहायता की। रामअवतार सारंगपुरिया अकसर कहते थे सभी धर्म एक है। ईश्वर एक है। सभी धर्मों की उसे पाने का तरीका अलग—अलग है। ऐसे में धर्म के आधार पर मानव में भेदभाव नहीं होना चाहिए। रामअवतार सारंगपुरिया ने सदा दबे—पिछड़े वर्ग की सहायता की। वे गरीबों की सहायता में सदा अग्रणी रहे। उनका निधन कलाकारों व गरीब वर्ग के लोगों के लिए एक बड़े अघात के समान है।