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‘आओ जम्भदेव गुरूजी भगत बुलावै है-भगवों भेष थारो बड़ो मन भावै है’

हर जागरण में चाव से गाया जा रहा लेखक रामकरण पूनिया का आराधना भजन

बिश्नोई समाज के युवा कलाकार वीपी धारणिया कर रहे युवाओं से धर्म के मार्ग पर चलने की अपील

हिसार, (राजेश्वर बेनीवाल)।
जब भी धरती पर पाप व अत्याचार बढ़ता है और धर्म की हानि होती है तो भगवान विष्णु निराकार से साकार रूप में अवतार लेकर इस धरा पर प्रकट होते हैं। गुरू जम्भेश्वर भगवान ने अपने शब्दों में ऐसा प्रमाण दिया है, जैसे ‘जां जा करै शैतानी, तां मां महंत फलीदूं, कन्हड़ होकर बंसी बजाई, गऊ चराई धरती छेदी काली नाथ्यो, असुर मार किया क्षयकारी’। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी यही बात कही है कि जब भी धरती पर पाप व अत्याचार बढ़ता तो उन्हें धर्म की रक्षा के लिए मुझे अवतार लेना पड़ता है।
यह कहना है कि बिश्नोई समाज के युवा गायक कलाकार विश्वजीत उर्फ वीपी धारणिया का। राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के रावला मंडी तहसील के गांव 365 हेड निवासी विश्वजीत उर्फ वीपी धारणिया अपने भजनों से समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। उनका कहना है कि समाज के युवाओं को धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए, नशे व सामाजिक बुराइयों से दूर रहना चाहिए। धर्म के बिना दुनिया में कुछ नहीं है। धर्म के रास्ते पर चलकर ही मनुष्य सफलता पा सकता है। बिश्नोई समाज के विख्यात गायक कलाकार एवं लेखक रामकरण पूनिया द्वारा लिखित आराधना भजन को इन दिनों वीपी धारणिया हर जागरण व धार्मिक कार्यों में बड़े चाव से गाते हैं।
सुनिए लेखक रामकरण पूनिया द्वारा लिखित व वीपी धारणिया द्वारा गाया गया गुरू जम्भेश्वर भगवान की आराधना व उन्हें बुलाने का भजन …….

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Jeewan Aadhar Editor Desk