हिसार

आदमपुर में बरसात ने कैसे बरपाया अनाज मंडी के व्यापारियों पर कहर—देखें वीडियो

आदमपुर,
आदमपुर की अनाज मंडी में बरसात के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी जल निकासी नहीं हो पाई। यहां के निवासियों ने बताया कि अनाज मंडी में बरसाती नालों की इस बार सफाई नहीं की गई। अधिकतर मोरियां बंद पड़ी है। इसके चलते काफी कम गति से जलनिकासी हो पा रही है।


https://youtu.be/vaoKNN8hUrY

वहीं भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मुनीश ऐलावादी ने अनाज मंडी के शेड के नीचे पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। शेड के नीचे अनाज के गल जाने से बदबू पैदा होने लगी है। ग्वार का रंग काला हो गया है। सरसों और चने पानी के साथ ही बह गए। अनाज की ढ़ेरिया कीचड़ में तबदील हो गई। इसके बाद भी व्यापारी पूरे दिन से बचे हुए अनाज को समटने में लगे हुए है। व्यापारियों ने बताया कि किसानों का शेड के नीचे रखा पूरा अनाज पूरी तरह से खराब हो गया है। इससे व्यापारियों के साथ—साथ किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है।

मुनीम एसोसिएशन के प्रधान प्रमोद राड़ ने बताया कि मानसून को देखते हुए प्रशासन ने जलनिकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं किए थे। इसके चलते यहां पर किसानों और व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। इस पूरे मामले की जांच हो तो पता चलेगा कि सरकार का भेजा हुआ बजट कहां खर्च किया गया। उन्होंने आदमपुर में हुए नुकसान के लिए सीधे—सीधे प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया।

वहीं व्यापारी कृष्ण कुमार ने बताया कि आदमपुर में बरसात के कारण करीब 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सरकार को जल्द से जल्द व्यापारियों की आर्थिक मदद करनी चाहिए ताकि वे समय रहते इस प्राकृतिक आपदा से उभर सके।
दूसरी तरफ चीनी व्यापारियों ने बताया कि दुकानों में पानी के चले जाने से 12 से 15 लाख रुपए का प्रत्येक दुकानदार को नुकसान हुआ है।

वहीं व्यापारियों का एक प्रतिनीधि मंडल व्यापार मंडल के प्रधान से मिला। प्रधान दीनदयाल गोयल ने व्यापारियों से नुकसान का आंकलन करने को कहा और सरकार से मुआवजे की मांग की। बीजेपी जिला व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुनीश ऐलावादी ने बताया सबसे पहले जलनिकासी का काम किया। फिलहाल अपने स्तर नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। अधिकारियों से भी नुकसान का सर्वे करवाने को कहा है। सरकार को पूरा आंकलन करके भेजा जायेगा ताकि व्यापारियों की मदद हो सके।

कुल मिलाकर अब आदमपुर के व्यापारियों को प्रकृति के इस कहर से उभरने के लिए सरकार की मदद की बहुत आवशयकता है। यदि समय रहते सरकार सर्वे करवाकर व्यापारियों को मुआवजा देती है तो यहां के व्यापार जगत को फिर से संजीवनी मिल सकती है।

Related posts

उचित अवसर मिलें तो देश के विकास का परिदृश्य बदल सकती महिलाएं : समर सिंह

हरीश चौधरी बने विश्व हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव

डा. तंवर के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनने पर एक सप्ताह में होगा समस्या का समाधान : सतेन्द्र