हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की ओर से गांव बुड़ाक में महिलाओं को बाजरे के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए भी प्रेरित किया। प्रशिक्षण का आयोजन खाद्य एवं पोषण विभाग की ओर से किया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त संचालित इस परियोजना का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण व लैंगिक भेदभाव को मिटाना है। इस प्रशिक्षण में महिलाओं को खाद्य पदार्थों के प्रशिक्षण के साथ-साथ लद्यु उद्योग स्थापित करने के विभिन्न आयामों से परिचित करवाया जाता है। बाजरा पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण व सेहत के लिए फायेदमंद एक ऐसी फसल हैं जो कम पानी के इलाके में भी अच्छी पैदावार देती है, किंतु वर्तमान समय में इसका खाद्य उपयोग कम होता जा रहा है। बाजरा के सवंर्धित खाद्य पदार्थों का उत्पादन नई पीढ़ी को भोजन में बाजरे के समावेश के लिए जागरूक करेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता सी. सिंधु, खाद्य एवं पोषण विभाग से डॉ. वीनू सांगवान, डॉ. उर्वशी नांदल, विस्तार शिक्षा एवं संचार प्रबंधन विभाग से राजेश दहिया, डॉ. नीता कुमारी, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बुड़ाक की प्रिंसिपल गायत्री फोगाट आदि मौजूद रहे।