हिसार

अवैध रूप से चल रही बस का चालान मात्र चार हजार रुपये, यूनियने भी साइलेंट

दो दिन इंतजार के बाद सुर्खियां बनने के बाद रोडवेज अधिकारियों ने की कार्रवाई

मात्र चार हजार रुपये का चालान नहीं उतर रहा कर्मचारियों के गले

हिसार,
हिसार के रोडवेज अधिकारी आए दिन अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में रोडवेज अधिकारी अवैध रूप से चल रही निजी का चालान मात्र चार हजार रुपये करके सुर्खियों में आए हैं।
जी हां, हिसार के रोडवेज अधिकारियों ने ऐसा करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। तीन दिन पूर्व हिसार बस अड्डे से कोटपुतली के लिए सवारियां भर रही निजी बस का चालान रोडवेज अधिकारियों ने मात्र चार हजार रुपये किया है। बताया जा रहा है कि विभाग के टीएम ने उक्त बस नंबर आरजे32पीए—2017 का चालान चार हजार रुपये करके सुर्खियां बटोरी है। विभाग में इतनी कम राशि का यह चालान दो दिनों से सुर्खियां बना हुआ है। कर्मचारियों में चर्चा है कि यदि किसी गरीब की जीप या अन्य वाहन पकड़ा जाए तो उसका चालान 10 से 15 हजार रुपये करके वाहवाही बटोरी जाती है लेकिन इस निजी बस पर अधिकारियों की कृपा दृष्टि रही। बताया जा रहा है कि उक्त बस का कोटपुतली के लिए कोई परमिट भी नहीं था, ऐसे में बिना परमिट चलने का चालान भी हजारों रुपये बनता लेकिन अधिकारियों ने ऐसा करने की जहमत नहीं उठाई।
बताया जा रहा है कि तीन दिन पूर्व उक्त बस नंबर आरजे32पीए—2015 हिसार बस अड्डे से अवैध रूप से सवारियां भरकर हिसार से कोटपुतली के जा रही थी। बस के आगे हिसार—जयपुर लिखा हुआ था। जब रोडवेज के संस्थान प्रबंधक व अन्य स्टाफ के ध्यान में यह बस आई तो उन्हें पता चला कि इस बस का कोई परमिट नहीं है और यह अवैध रूप से सवारियां भर रही है। संस्थान प्रबंधक ने विभाग के यातायात प्रबंधक (टीएम) को इसकी सूचना दी। टीएम के निर्देश पर यातायात प्रबंधक ने बस को रोडवेज वर्कशॉप में भिजवा दिया। दो दिन तक यह बस यहां पर खड़ी रही लेकिन अधि​कारियों ने बस का कोई चालान नहीं किया। जब मामला सुर्खियों में आया तो अधिकारियों ने आनन—फानन में इस बस का मात्र चार हजार रुपये का चालान काटकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। चर्चा तो यह भी है बस को छोड़ने के लिए रोडवेज अधिकारियों व आरटीए स्टाफ पर भारी दबाव था, जिसके चलते जब तक बस को छोड़ा नहीं गया, तब तक अधिकारियों के हाथ—पांव फूले रहे। जानकारों का कहना है कि यदि आरटीए स्टाफ मौके पर मौजूद न हो तो चालान करने की पावर रोडवेज के जीएम व टीम को भी है लेकिन उपरी दबाव के चलते दो दिन तक वे इस बस का चालान करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और जब मामला सुर्खियों में आया तो मात्र चार हजार रुपये का चालान करके बस को अपनी कृपा दृष्टि से नवाज दिया।
अवैध रूप से चल रही इस निजी बस का मात्र चार हजार रुपये का चालान किये का मामला डिपो में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं आए दिन अवैध बसों व भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाली यूनियनों की चुप्पी भी कर्मचारियों में चर्चा का विषय बन गई है। कर्मचारियों का यही सवाल है अवैध बस पर अधिकारियों ने किस कृपादृष्टि के तहत मात्र चार हजार रुपये का चालान किया, जबकि उसका परमिट भी नहीं था। यूनियनों की चुप्पी पर कर्मचारी खूब चटखारे ले रहे हैं।

Related posts

राजकीय कॉलेज नलवा में वन महोत्सव का आयोजन

महिला छात्रावास में लगा सात दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न

प्रणामी स्कूल में नर्सरी से नौंवी तक विद्यार्थियों ने किया योग, छोटे बच्चों ने योगक्रिया से जीत लिया दिल

Jeewan Aadhar Editor Desk