हिसार,
बरवाला के रहने वाले सोनू वर्मा बरवाला के पहले एम्ब्रियोलॉजिस्ट यानि भ्रूण विज्ञानी बन गये हैं। सोनू ने मैसूर यूनिसर्सिटी से मान्यता प्राप्त एशिया पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ एम्ब्रियोलॉजी मैसूरू से एमएससी क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट एंड इम्पलांटेशन जैनेटिक्स की डिग्री पूरी करके ये सफलता हासिल की है। सोनू की इस सफलता पर उनके पिता ओमप्रकाश, माता दर्शना देवी, भाई भलाराम व दोस्तों ने खूशी जाहिर की है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीएससी जुलॉजी करने वाले सोनू ने कुछ अलग करने की ठानी और इसी के कारण एम्ब्रियोलॉजिस्ट बनने की सोची। पूरे देश में बहुत कम संस्थान हैं जो एमएससी एम्ब्रियोलॉजी का कोर्स करवाते हैं। इस कोर्स में सीटें कम होने के कारण विद्यार्थियों का एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है, जिसके बाद कोर्स में उनका चयन होता है। कोर्स करने के बाद सोनू वर्मा अब किसी आईवीएफ सेंटर में गायनोक्लॉजिस्ट के साथ काम कर सकेगा। आईवीएफ सेंटर में टेस्ट ट्यूब बेबी के क्षेत्र में काम करने के लिए गायनोक्लॉजिस्ट को एम्ब्रियोलॉजिस्ट की जरूरत होती ही है। देश में आईवीएफ के क्षेत्र में काफी तरक्की हो रही है और ऐसे में एम्ब्रियोलॉजिस्ट की भी खासी मांग है। सोनू के अनुसार वह भविष्य में भ्रूण विज्ञान क्षेत्र में कोई शोध करके बेऔलाद रहने वाले जोड़ों के लिए कुछ करना चाहता है। सोनू वर्मा को डिग्री पूरी करने पर एशिया पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ एम्ब्रियोलॉजी मैसूरू के निदेशक डा. सुरेश कटेरा ने डिग्री प्रदान की