हिसार

लगातार नमी वाला मौसम हो सकता फसलों के लिए नुकसानदायक

फिलहाल बरसात से मौसम हुआ खुशगवार, धरतीपुत्रों की बढ़ी चिंता

हिसार,
जिले में पिछले कुछ दिनों से मौसम खुशगवार बना हुआ है वहीं रूक—रूक कर बरसात भी हो रही है। शनिवार को हिसार व आसपास के क्षेत्रों में पांच एमएम बरसात हुई वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने अभी 13 सितम्बर तक मॉनसून सक्रिय रहने की संभावना जताई है। मॉनसून की इस मेहरबानी से गर्मी से राहत अवश्य मिली है लेकिन लगातार नमी वाला मौसम फसलों के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है।
हिसार व आसपास के क्षेत्रों में रूक—रूक कर बीते दो सप्ताह से ऐसा ही मौसम बना हुआ है। इस अवधि के दौरान यहां तीन बार बारिश हो चुकी है। शुक्रवार रात से ही फिर से मौसम में बदलाव हुआ और शनिवार सुबह से ही कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई। वैज्ञानिकों के अनुसार हिसार व आसपास के क्षेत्र में शनिवार को 5 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहने का अनुमान जताया है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और इसके लगते पंजाब के पास बना हुआ है। इसकी वजह से राज्य में 13 सितम्बर तक मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। इस दौरान बीच-बीच में बादलवाई रहने और बारिश की संभावना है। दिन व रात के तापमान में हल्की गिरावट और हवा में नमी अधिक रहने की संभावना है। वैज्ञानिकों के अनुसार हिसार जिले में सिर्फ सितंबर महीने में ही 113 एम बारिश हो चुकी है जो औसतन बारिश 28 एमएम से 294 प्रतिशत ज्यादा है। इस साल पूरे मानसून सीजन में हिसार में 412 एमएम बारिश हुई है जो औसतन बारिश 280 एमएम से लगभग दोगुनी है। सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़ आदि जिलों में भी सितंबर में होने वाली औसतन बारिश से 150 प्रतिशत ज्यादा पानी बरस चुका है।
उधर, बारिश के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली वहीं धान के एरिया में फायदा हुआ है। इसके साथ—साथ कपास वाले क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण नुकसान का अंदेशा बढ़ गया है। तीन दिन से लगातार नमी वाला मौसम और धूप नहीं निकलने के कारण कपास के पौधों में गलन शुरू हो गई है। कपास के टिंडे भी खराब होने शुरू हो गए हैं। शनिवार को तेज हवा के साथ बारिश होने से कई जगह कपास की फसल खेतों में बिछ गई। इसी तरह मूंग की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। ताजा बारिश से मूंग और बाजरा की फसलों को भी फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा हुआ है।

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