मां संतोषी आश्रम मॉडल टाऊन में सत्संग प्रवचन जारी
हिसार,
क्षमा मांगने वाला व्यक्ति कमजोर नहीं होता है। क्षमा मांगने वाला व्यक्ति सही मायनों में वीर होता है और उसको माफ करने वाला उससे भी बड़ा वीर होता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी गलती के लिए क्षमा मांगें तो उसको क्षमा कर देना चाहिए, लेकिन माफी मांगने के बाद भी आप माफ नहीं करते तो आप वीर नहीं अपितु कमजोर हो। हमारे अंदर दूसरों को क्षमा करने का साहस होना चाहिए।
यह बात मां संतोषी आश्रम मॉडल टाऊन में चल रहे सत्संग के दौरान प्रवचन करते हुए स्वामी विजयानंद गिरी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति खराब नहीं होता है। वह खराब हमें हमारी सोच के कारण लगता है। कभी परिस्थिति ऐसी हो जाती हैं कि कोई व्यक्ति हमें खराब दिखने लगता है, लेकिन हम उसकी परिस्थिति को समझेंगे तो हमारी उसके प्रति धारण बदल जाएगी। ऐसे परिस्थिति आंशिक होती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गुरु या संत की शरण में आ जाता है तो उसका जीवन बदल जाता है। उसके जीवन में सदगुणों का विकास होने लगता है और उसके जीवन से बुराईयां अपने आप समाप्त होने लगती हैं। इसलिए कहा जाता है कि आपकी जैसी संगत होगी, वहां मन व व्यवहार भी वैसा ही हो जाएगा। हम अच्छे व्यक्ति का संग करेंगे तो हम अच्छे बन जाएंगे और बुरे व्यक्ति की संगति करेंगे तो हम भी बुराई की राह पर चल पड़ेंगे।
इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद गर्ग नलवा वाले, सुरेंद्र प्रसाद गर्ग, मुकेश गर्ग, गौरव बंसल, अशोक बंसल, आरपी गुप्ता, सीए गौतम अग्रवाल, डीएन गुप्ता, रविंद्र सैन अग्रवाल, मधुर गुप्ता, संजीव सरन, नवीन गर्ग, पवन जिंदल, अशोक लोहिया, शशि लोहिया, दयानंद, राजमल काजल, अनिल मित्तल, सुभाष बंसल, लोकनाथ सिंगल, राजेंद्र शर्मा, अनिल महता, जयप्रकाश जेपी, संजय मित्तल, मंजू छाबड़ा, प्रकाश देवी गर्ग, सुनीता गर्ग, शांति गर्ग, विनोद अग्रवाल व आश्रम प्रवक्ता रमेश चुघ सहित काफी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।