माऊंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का टागरेट बनाया
हिसार के जीजेयू में एमएससी कर रहा है महेश, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने किया सम्मानित
हिसार,
हिसार के नजदीकी गांव आर्यनगर के किसान के बेटे 22 वर्षीय महेश कुमार ने हिमाचल की फ्रेंडशिप चोटी पर 17346 फीट उंचाई पर फ्रेंडशिप झंडा फहरा हरियाणा व अपने गांव आर्यनगर का नाम रोशन किया है। महेश की इस उपलिब्ध पर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने महेश कुमार को सम्मानित किया है। गंगवा ने महेश को आश्वासन दिया है पर्वतारोही क्षेत्र में उसकी हर प्रकार से सहायता की जाएगी। महेश ने माऊंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का टागरेट बनाया है।
आदर्श गांव आर्यनगर के महेश कुमार ने हिमाचल के मनाली स्थित फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा लहराया है। किसान परिवार में दानाराम कालोड के बेटे महेश ने 19 अक्टूबर को 26 पर्वतारोहियों के साथ सफर की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने 17346 फीट ऊंची फ्रेंडशिप चोटी पर पहुंचने के लिए हाड़ कंपा देने वाली ठंड माइनस 15 डिग्री तापमान और 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा से मुकाबला किया। उन्होंने हरियाणा की तरफ से सर्वप्रथम चोटी पर तिरंगा लहराया। महेश ने बताया कि उनकी टीम में 25 लोग शामिल थे जिसमें चार लोग ही इस चोटी पर पहुंचे थे जिसमे हरियाणा से वह खुद शामिल थे। महेश कुमार का सपना अब माऊंट एवरेस्ट पर तिरंगा फ हराने का है लेकिन महेश की आर्थिक स्थिति इस सपने में रोड़ा बन रही है। महेश कुमार ने बताया कि उसे पर्वतारोहन मे लाने में हिसार के नरेन्द्र और करनाल से प्रीतपाल सिंह पन्नू का मुख्य योगदान है। अब उसका सपना दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का है लेकिन अर्थिक स्थिति आड़े आ रही है।
एवरेस्ट पर जाने में आता 35 से 40 लाख खर्च
महेश कुमार ने बताया कि माऊंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए 35 से 40 लाख रूपए खर्च आता है। आर्थिक तंगी के चलते वह अपना अभ्यास सुचारू रूप से नहीं चला पा रहा है। इसके लिए उसने डिप्टी स्पीकर एवं हलका विधायक रणबीर गंगवा से गुहार लगाई है। महेश कुमार ने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा के खिलाडिय़ों ने ओलंपिक में पदक प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया है और केंद्र व हरियाणा सरकार ने खेलों को लेकर जो उत्साह दिखाया है, उससे मुझे भी कुछ उम्मीद जगी है। महेश कुमार ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने पूरा आश्वासन दिया है कि उसकी हर तरह से मदद की जाएगी। महेश कुमार ने बताया कि पर्वतारोही क्षेत्र में उसके पिता दानाराम, डा. योगेश बिदानी, अनिल डिडारिया, दलबीर, दीपा तंवर, पवन, नवीन, नीलम, कांता अमित, महताब, सुरेंद्र, पीके मुदनिया व कुलदीप ने पूरा सहयोग दिया है। महेश के अनुसार वह हिसार स्थित गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय से एमएससी कर रहा है और साथ-साथ निफा के साथ जुडक़र सामाजिक कार्य भी कर रहा है। महेश कुमार निफा के तहत हिसार में 10 दिन का रक्तदान शिविर लगाकर 1494 यूनिट बल्ड एकत्रित चुका है।