हिसार

आर्य समाज नागोरी गेट का 135वां वार्षिक उत्सव हवन यज्ञ के साथ शुरू

हिसार,
आर्य समाज लाला लाजपत राय चौक नागोरी गेट के 135 वें वार्षिक उत्सव का शुभारंभ प्रात:काल के सत्र हवन यज्ञ से आरंभ हुआ। आज के यज्ञ के यजमान डा. मिश्रीलाल, सत्य प्रकाश आर्य, रामसहाय चुघ, सुरेंद्र रावल थे। यज्ञ का संपादन स्वामी कर्मवीर शास्त्री ने किया तथा मंच संचालन स्वामी ब्रह्मानंद ने किया।
आर्य समाज लाला लाजपत राय के तत्वावधान में आयोजित वार्षिकोत्सव के अवसर पर प्रात:कालीन सत्र राष्ट्रवीर लाला लाजपत राय को समर्पित किया गया। वैदिक प्रवक्ता स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि लाला लाजपत राय ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दलितों के उद्धार के लिए बहुत काम किया। स्वदेशी आंदोलन चलाया, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया। पंजाब नेशनल बैंक की भी स्थापना लाला लाजपत राय ने की। वेद के एकेश्वरवाद व जड़ पूजा निषेध की। आर्य मान्यताओं से प्रभावित होकर लाला लाजपत राय ने आर्य समाज की सदस्यता ग्रहण की।
स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि लाला लाजपत राय कहा करते थे ‘आर्य समाज मेरी माता और ऋषि दयानंद सरस्वती मेरे गुरु हैं। मेरे सार्वजनिक जीवन में जो पवित्रता है उसका श्रेय और आर्य समाज को जाता है।’ आर्य समाज लाला लाजपत राय चौक की स्थापना करने का श्रेय भी लाला जी को ही जाता है। लाजपत राय ने सन 1886 ई. हिसार आर्य समाज की स्थापना की थी। लालाजी ने लोक सेवक मंडल कि राष्ट्रीय स्तर पर स्थापना की है जिसमें से लाल बहादुर शास्त्री जैसे हीरे निकले। लालाजी ने 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में ‘साइमन कमीशन गो बैक’ का नारा दिया और एक बहुत बड़े भारी जुलूस का नेतृत्व किया जिसमें पुलिस के द्वारा उन पर अनेक लाठियां बरसाई गई जिस कारण लाला जी ने 17 नवंबर 1928 ईस्वी को अपना बलिदान भारत माता के लिए दिया। लालाजी ने प्राण त्यागते हुए एक भविष्यवाणी की ‘मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी अंग्रेजी साम्राज्य के ताबूत में एक-एक कील साबित होगी।’
पानीपत से पहुंचे भारत विख्यात भजन उपदेशक राम निवास ने ईश्वर भक्ति का गीत ‘हम बालक तेरे तुम पिता हो हमारे, हूं जिंदा जहां में आप के सहारे।’ रामनिवास ने ईश्वर की कृपा इस मनुष्य पर हुई है उसके बहुत ही सरल शब्दों में अनेक दृष्टांत देकर बताया। बालक के उत्पन्न होते ही मां की छाती में दूध उतर आना और दूसरी मां भी दे दी जिस को धरती मां कहते हैं जो हमें फल फूल वनस्पति सब्जी अन्य देती है। यह सब ईश्वर की कृपा है क्योंकि यह धरती मां भी भगवान ने बनाई है।
कार्यक्रम में प्रधान हरिसिंह सैनी, मंत्री नरेंद्र पाल मिगलानी, मेजर करतार सिंह, रामकुमार आर्य, दलवीर आर्य, महावीर सिंह आर्य, आचार्य सत्य काम, ईश्वर सिंह आर्य, प्रमोद लांबा, सूर्यदेव आर्य, डॉ. प्रमोद योगार्थी, प्रेम गाबा, चिरंजीलाल, प्रिंसिपल मोहनलाल सैनी, रमेश कुमार लीखा, गोपीचंद आर्य, संतोष भारीवासिया, राधेश्याम आर्य, बलराज मलिक, नंदलाल चोपड़ा, राजेंद्र आर्य, ज्योति प्रसाद आर्य, सत्यप्रकाश मित्तल, महावीर खेड़ा, रामधारी आर्य, बलवंत आर्य, शैलेंद्र आर्य, कुलदीप ग्रोवर, बहन कांता आर्या, शशि कला आर्या, गीता मित्तल एवं सीएवी सीनियर सेकेंडरी, सीएबी हाई स्कूल तथा जगन्नाथ आर्य सीनियर सेकेंडरी विद्यालय के छात्र और छात्राएं भी उपस्थित रहे।

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