हिसार

सामाजिक मान्यताएं कानून में शामिल न होना चिंता का विषय: रमेश चहल

हरियाणवी फ़िल्म ‘सेफ हाउस’ में उठाया गांव व गौत्र में शादी का मुद्दा

हिसार,
कानून एक ऐसा सांचा होता है, जिसपर पूरा सामाजिक ताना बाना टिका है। लेकिन कई बार कानून ही इस सामाजिक ढांचे को गलत आकार दे बैठते हैं। जिसका प्रभाव न केवल एक व्यक्ति विशेष, बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है। कुछ ऐसे ही विषय पर हाल ही में स्टेज ऐप पर जारी हुई हरियाणवी फ़िल्म सेफ हाउस में दर्शाया गया है। इस हरियाणवी फिल्म का प्रीमियर रविवार को हिसार में किया गया। इस दौरान शो के डायरेक्टर एवं स्क्रिपट राइटर रमेश चहल, हुकुम का इक्का के एमडी दीप सिसाय, स्टेज ऐप के सीसीओ प्रवीन व स्टेज एप्प की कंटेंट हैड अन्नु सिंघल ने पत्रकारों के साथ शो के विषय पर खुलकर बातचीत की।
डायरेक्टर रमेश चहल ने कहा कि हमारे जो भी कानून बनाए गए हैं, उनमें हमारी सामाजिक मान्यतों को भी शािमल किया गया है। लेकिन दिल्ली के आस पास लगभग 300 गांवों की सामाजिक मान्यताओं व रीति रिवाजों को कानूनों में कम ही जगह दी गई है। जो चिंता ही नहीं, बल्कि एक विवाद का विषय भी है। इसी विषय को सेफ हाउस फिल्म में उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कई बार कानूनों के चलते ऐसे विपरीत स्थितियां बन जाती है, जो सामाजिक तौर पर आपसी रिश्तों को भी तहस नहस कर देती हैं। फिल्म में इस बात को प्रमुखता को दर्शाया गया है कि एक ही गांव व गौत्र के बीच शादियां सामाजिक तौर पर अमान्य है। कानून ऐसी शादियों को मान्यता देता है और ऐसे जोड़ों को सुरक्षा के लिए सेफ हाउस में रखने के फरमान जारी होते हैं। जहां पर सुरक्षा तो दूर पूरी सुविधाएं भी नहीं होती।
खाप पंचायतों की बनी है नकारात्मक छवि
एमडी दीप सिसाय ने कहा कि खाप पंचायतों की अभी तक नकारात्मक छवि बनाई गई है कि ऑनर कीलिंग जैसी घटनाओं के पीछे इन खाप पंचायतों का ही हाथ होता है, लेकिन असलियत कुछ ओर ही है। उन्होंने कहा कि हमारे न्यायालयों में हजारों केस पेंडिंग पड़े और कई केस तो सालों से चले आ रहे है। इसके इतर खाप पंचायतों में आपसी मामले मिल बैठकर कुछ ही समय में सुलझा लिए जाते हैं। शो में खाप पंचायतों की इसी छवि को उकेरा गया है। उन्होंने कहा कि शो में ऐसे विषय को उठाया गया है, जिसके बारे में लोग बात करने से भी झिझकते हैं। ऐसे में विवाद होना लाजमी है। उन्होंने कहा कि विवाद भी फिल्म के उस हिस्से पर उठाया गया है, जो पहले भी हिंदी फिल्मों में दिखाए जाते रहे हैं।
हरियाणवी कलाकारों के लिए एक उपयुक्त मंच
स्टेज ऐप के सीईओ प्रवीन ने कहा कि स्टेज ऐप के माध्यम से हरियाणवी कलाकारों को एक ऐसा मंच प्रदान किया गया है, जहां वे अपनी बोली में अपने टेंलेंट को बखूबी प्रदर्शित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं में टेलेंट की कोई कमी नहीं है, लेनिक अभी तक उन्हें पूरा मौका नहीं मिल पाया। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसे युवाओं की प्रतिभा को न केवल निखारा जाए, साथ ही उसे आगे बढ़ाया जाए।
ये रहे उपस्थित
फिल्म के प्रीमियर के दौरान केपी कुंडू, बिंटू पाबड़ा, शिवराज गोयत, केडी, राममेहर मेहला, नवीन विशु, राजू पंजाबी, जेडी बल्लू, प्रदीप बूरा और पूजा हुड्डा सहित अन्य हरियाणवी कलाकार विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

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