हिसार

जनता की मांग नहीं तो परिवहन विभाग का निजीकरण क्यों कर रही सरकार : राजबीर दुहन

महाप्रबंधकों को डीजी के नाम ज्ञापन देकर यूनियन ने दर्ज करवाया विरोध

हिसार,
हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के डिपो प्रधान राजबीर दुहन ने परिवहन विभाग के अघोषित निजीकरण पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि निजी न तो कर्मचारियों की मांग है और न जनता के मांग है, फिर भी सरकार इसे क्यों लागू किये हुए है।
राजबीर दुहन ने कहा कि राज्य परिवहन एक जन विभाग है, जो रियायत, छूट आधार पर सुविधाजनक यात्रियों को यात्रा प्रदान कर रहा है। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग आम जनता को सरल सुरक्षित सुविधा देने के लिए बनाया गया था। एशिया महाद्वीप के 67 उपक्रमों में कम लागत पर जनता को सुरक्षित सरल सुविधा देने में हरियाणा राज्य परिवहन प्रथम स्थान पर है। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग आम जनमानस यात्रा करते समय अपने आप को सुरक्षित समझता है। उन्होंने कहा कि स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद्द करने व लंबित मांगों को लागू करने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय हमारे संगठन ने सभी महाप्रबंधको के माध्यम से विभाग के महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपकर विभाग के निजीकरण पर रोक लगाने व स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के खिलाफ तर्कों सहित लिखित सुझाव व एतराज देकर परिवहन विभाग के निजीकरण का डटकर विरोध किया है।
डिपो प्रधान राजबीर दुहन ने कहा कि छात्र-छात्राओं, जनप्रतिनिधियों, आम जनता व रोडवेज कर्मचारियों की परिवहन विभाग के निजीकरण की मांग नहीं है। फिर भी सरकार प्राइवेट बसों को लंबे रूट परमिट दे रही हैं, जिससे विभाग खत्म हो जाएगा और सरकार को राजस्व की भी बहुत बड़ी हानि होगी। एक प्राइवेट बस प्रति माह सरकार को एक मुक्त किस्त 12 हजार रुपये टैक्स दे रही है जबकि हरियाणा रोडवेज की एक बस प्रति माह 40 हजार से 60 हजार रुपये टैक्स दे रही है। स्टेज कैरिज स्कीम के तहत मुख्य मार्गों पर परमिट देना मोटर एक्ट व्हीकल अधिनियम का उल्लंघन है। परिवहन विभाग के निजीकरण व प्राइवेट बसें चलाने से जनता को बेहतर सुरक्षित परिवहन सेवा नहीं मिलेगी और स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे।
राजबीर दुहन ने कहा कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों के विरोध के चलते निवर्तमान परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता 13 जून 2017 को ही मीटिंग में स्टेज कैरिज की रद्द कर चुकी है। अब फिर सरकार इस स्कीम को लागू करके वादाखिलाफी कर रही है। सरकार जन हितेषी है तो विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता, छात्र-छात्राओं को बेहतर और सुरक्षित सुविधा मिलने के साथ-साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सके।

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