पारंपरिक और आणविक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रधान खाद्य फसलों के जैव-फोर्टिफिकेशन विषय पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने कहा है कि मुख्य खाद्य फसलों में खनिज तत्वों की मात्रा को बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। वैज्ञानिक पारंपरिक और आणविक दृष्टिकोण के माध्यम से जैव-फोर्टिफिकेशन द्वारा खनिज तत्वों की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।
कुलपति विश्वविद्यालय के आणविक जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान विभाग की ओर से पारंपरिक और आणविक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रधान खाद्य फसलों के जैव-फोर्टिफिकेशन विषय पर आयोजित 21 दिवसीय शीतकालीन स्कूल प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से किया गया। मुख्य अतिथि ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और आने वाली समस्या के समाधान के लिए सामूहिक रूप से विचार-विमर्श कर कार्य करें। यहां से अर्जित ज्ञान को अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और अन्य वैज्ञानिकों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान कुपोषण उन्मूलन के लिए प्रभावी आंशिक कौशल के साथ सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए बुनियादी और व्यावहारिक तकनीकों को शामिल करने पर भी जोर दिया। इस दौरान शीतकालीन स्कूल संबंधी एक मैनुअल का भी विमोचन किया गया।
पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. सुधीर कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना संबंधी हिदायतों को सख्ती से पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस शीतकालीन स्कूल कार्यक्रम में देशभर के सात अलग-अलग राज्यों के आईसीएआर से संबंधित कृषि विश्वविद्यालयों व संस्थानों के कुल 25 उम्मीदवार भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर ओएसडी एवं मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. अतुल ढींगड़ा, मौलिक विज्ञान एवं मानिविकी महाविद्यालय व स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. के.डी. शर्मा, अतिरिक्त अनुसंधान निदेशक एवं एमबीबी एंड बी के विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार सहित एमबीबी एंड बी विभाग के छात्र और फैकल्टी भी उपस्थित थे। डॉ.शिखा यशवीर ने कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन किया।