हिसार

मिशन शत-प्रतिशत : बोर्ड परीक्षाओं में सुधार बारे मंडलायुक्त ने शिक्षकों से व्यापक कार्य योजना के तहत कार्य करने का किया आह्वान

हिसार,
मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने कहा कि हमारे समाज में एक शिक्षक की भूमिका काफी अहम होती है। यदि एक शिक्षक बेहतर प्रबंधन व कार्य योजना के तहत छात्रों से तालमेल स्थापित करते हुए उन्हें अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करे तो शत-प्रतिशत परिक्षा परिणाम हासिल करना मुश्किल नहीं होगा।
मंडल आयुक्त वीरवार को शिक्षा विभाग की मिशन शत-प्रतिशत योजना के तहत स्थानीय लघु सचिवालय सभागार में विभिन्न स्कूलों व डाईट के प्राचार्यों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर यूट्यूब लाईव के माध्यम से 200 से अधिक स्कूलों के अध्यापक एवं छात्र भी कार्यक्रम से जुड़े। इस अवसर पर मंडलायुक्त चंद्रशेखर तथा उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बेहतर प्रदर्शन करने को लेकर छात्र व छात्राओं को प्रोत्साहित किया। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए मिशन शत-प्रतिशत की शुरुआत की गई है। मिशन का उद्देश्य कोरोना महामारी के बावजूद सौ फीसदी परिणाम हासिल करना है।
मंडलायुक्त चंद्र शेखर ने कहा कि यह मिशन सरकारी स्कूलों के स्तर को और बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में विद्यार्थियों के प्रदर्शन में असाधारण सुधार हुआ है, लेकिन अध्यापकों को मिशन शत-प्रतिशत की प्राप्ति के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी। कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देना होगा। योजनाबद्घ ढंग से छात्रों को विभिन्न विषयों के अनुरूप तथा उनके प्रदर्शन और योग्यता के अनुसार समूहों में बांटकर विशेष ध्यान केंद्रित करना होगा। मंडलायुक्त ने कहा कि स्कूलों में अध्यापक और विद्यार्थियों के संबंध मजबूत होने चाहिए। स्कूलों में नियमित तौर पर छात्रों की काउंसलिंग की जाए। अध्यापकों को मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थियों के मन से परिक्षाओं के डर को निकालना होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सेवानिवृत अध्यापकों का सहयोग भी लिया जा सकता है। मंडलायुक्त ने कहा कि बेहतर शिक्षा के माध्यम से ही हम राष्ट्र के लिए अच्छे नागरिकों का निर्माण कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि मिशन शत-प्रतिशत एक महत्वाकांक्षी अभियान है। अभियान के तहत सभी स्कूलों के प्राचार्यों, मुखयाओं व आहरण तथा वितरण अधिकारियों के लिए 14 बिंदु निर्धारित किए गए हैं। उन्हें विषयानुसार छात्रों के समूह बनाने, पाठ्यक्रम में जटिलताओं की पहचान करना, बोर्ड परीक्षा में महत्वपूर्ण विषयों की पहचान करना, अध्यापकों के लिए भविष्य में पढ़ाए जाने वाले विषयों की पहले से तैयारी करना, बोर्ड परिक्षाओं का ब्ल्यू प्रिंट तैयार कर सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों को उपलब्ध करवाना, विद्यार्थियों को नियमित तौर पर गृह कार्य देना तथा नोटबुक की जांच करना जैसे विषय शामिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अध्यापकों के लिए टीचर डायरी मैंटेंन करना, डाईट मात्रश्याम के विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक विषय के 150 प्रशन व उत्तर तैयार करना, अध्यापकों द्वारा छात्रों को प्रदर्शन का आंकलन करने में सहयोग देना और उन्हें उनके मजबूत पक्ष व कमजोर पक्ष बताना तथा विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में योगा, खेल व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को शामिल करने के लिए जागरूक करने जैसे बिंदु तय किए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्यों तथा विद्यार्थियों को मोटिवेशनल वीडियो भी दिखाई गई। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव, जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग, डीईईओ धनपत राम, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी दीप ठक्कर सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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