हिसार,
लाला लाजपत राय की 157वीं जयंती के अवसर पर लुवास कुलपति कार्यालय प्रांगण में समारोह का आयोजन किया गया। कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों ने लाला लाजपत राय को माल्यार्पण करके उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर डीन पीजीएस डॉ. जगतबीर फोगाट, डीन वेटरनरी साइंस डॉ. वीके जैन, एचआरएम निदेशिका डॉ. निर्मल सांगवान, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. धर्मवीर सिंह दहिया, एडीएसडब्लू डॉ. एसएस ढाका व डॉ. सोनिया सिंधु सहित सभी विभागों के अध्यक्ष उपस्थित थे।
लुवास्टा प्रधान डॉ. अशोक मलिक एवं सचिव डॉ. सतबीर शर्मा ने भी लाला जी के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। डीन वेटरनरी साइंस डॉ. वीके जैन ने लाला लाजपत राय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लाला लाजपत राय जी ने अपनी स्कूली शिक्षा रेवाड़ी एवं स्नातक की शिक्षा लाहौर से प्राप्त की। वे आर्य समाज से प्रभावित थे तथा उन्होंने काफी पुस्तकें भी लिखी जिनमें ‘यंग इंडिया’ काफी प्रसिद्ध हुई।
समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने लाला जी द्वारा किए गए विशेष कार्यों को याद किया।उन्होंने कहा कि लाला लाजपत राय देश के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे। किसी भी राष्ट्र की उन्नति उनके स्वतंत्रता सेनानियों को भुला कर संभव नहीं है। आज हम जो खुली हवा में सांसे ले रहे है, यह स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष एवं बलिदान का ही परिणाम है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हमारे विश्वविद्यालय का नाम लाला लाजपत राय जी के नाम पर रखा गया है। आज लाला लाजपत राय जी की 157वीं जयंती पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध एवं विभिन्न तकनीकों को किसानों तक पहचानने के लिए और अधिक प्रयास करें जिससे किसानों की पशुपालन की लागत में कमी हो सके तथा हम उनकी आय में वृद्धि कर सकें।