हिसार

डॉ. विक्रमजीत की दो पुस्तकों ‘मानवता का छोर’ व ‘नव भोर की ओर’ का विमोचन

हिसार,
सर्वोदय भवन में हर सप्ताह होने वाली रविवारीय संगोष्ठी के अंतर्गत इस बार कस्तूरबा गांधी के समग्र जीवन का विश्लेषन विषय पर वक्ताओं ने विचार रखे। मुख्य वक्ता सेवानिवृत अधीक्षक अभियंता सत्यपाल शर्मा ने कहा कि कस्तूरबा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम के योगदान में महत्ती भूमिका रही। प्रथम बार दक्षिणी अफ्रीका के मौरित्सवर्ग में महिलाओं के अधिकारों के लिए उन्हें तीन माह के लिये जेल में डाल दिया गया। कस्तूरबा गांधी अंत तक समाज के दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिये संघर्ष करती रही। एफसी कॉलेज से पहुंची प्रो. सुषमा गांधी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
संगोष्ठी के दौरान प्रमुख साहित्यकार डॉ. विक्रमजीत की दो पुस्तकों ‘मानवता का छोर’ व ‘नव भोर की ओर’ का विमोचन किया गया। वे अब तक 28 पुस्तकें लिख चुके हैं। डॉ. विक्रमजीत की साहित्य के प्रति कॉलेज के समय से ही गहरी रुचि रही है। समय-समय पर उन्हें प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा इन्हें डी.लिट की उपाधि से नवाजा जा चुका है। वर्तमान में अध्यात्म का मूल संदेश इनकी पुस्तकों के आवरण पृष्ठ पर अंकित रहता है। इस अवसर पर सेवानिवृत प्रिसीपल आईजे नाहल, डॉ. महेन्द्र सिंह, श्रीकृष्ण, जगदीश श्योराण, धर्मबीर शर्मा व बनवारी लाल आदि भी उपस्थित रहे।

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