हिसार,
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा की उच्च स्तरीय शैक्षणिक व प्रशासनिक सेवाओं को देखते हुए उन्हें कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र की कार्यकारी परिषद में राज्यपाल मनोनीत सदस्य नियुक्त किया गया है। हरियाणा के राज्यपाल एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रो. अवनीश वर्मा अब कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र की कार्यकारी परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने अनुभव व विशेषज्ञता साझा करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज ने इस नियुक्ति के लिए प्रो. अवनीश वर्मा को शुभकामनाएं दी हैं। कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा कि महामहिम राज्यपाल ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, उसका निष्ठा से निर्वहन करेंगे। उन्होंने इस नियुक्ति के लिए राज्यपाल का आभार जताया। प्रो. अवनीश वर्मा एक जाने-माने शिक्षाविद् हैं। उनका 24 वर्ष से अधिक का शैक्षणिक अनुभव तथा तीन वर्ष का औद्योगिक क्षेत्र का अनुभव है। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें हाल ही में इंटरनेशनल ऐसोसिएशन फॉर दा प्रोमोशन ऑफ ऐशिया-अफ्रीका रिसर्च (आईएपीएएआर) के संपादकीय मंडल के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया था। प्रो. वर्मा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की एकेडमिक काऊंसिल के सदस्य भी रहे हैं तथा वर्तमान में श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, गुरूग्राम की स्किल काऊंसिल के राज्यपाल मनोनीत सदस्य तथा महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल में चयन समिति के राज्यपाल मनोनीत सदस्य भी हैं। उनकी दो पुस्तक और अनेकों पेपर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वे 24 से अधिक बार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना विशेषज्ञ सम्बोधन दे चुके हैं।
प्रो. अवनीश वर्मा ने अपनी बीटेक की डिग्री एनआईटी कुरुक्षेत्र से की। उन्होंने पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से एमटेक के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ही पीएचडी की। उन्होंने डिप्लोमा बिजनेस मैनेजमैंट और सर्टिफिकेट कोर्स इन फ्रैंच भी किया हुआ है। प्रो. अवनीश वर्मा मूल रूप से कुरूक्षेत्र निवासी हैं। उनके पिता डा. केके वर्मा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में फिजिकल के प्रोफेसर थे तथा लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर में प्रथम कुलपति भी बने।