गुरूओं का किया आदर कभी व्यर्थ नहीं जाता : भगत संजीव कुमार
बाबा बालकनाथ मंदिर में 50वें वार्षिक भंडारे का आयोजन
हिसार,
तरसेम नगर स्थित बाबा बालकनाथ एवं दुर्गा माता मंदिर में शुक्रवार को 50वां वार्षिक भंडारे लगाया गया। मंदिर के सेवक रामचरण गुप्ता ने बताया कि मंदिर प्रांगण में भगत संजीव कुमार जी लुधियाना वाले द्वारा सुबह 4 बजे मूर्तियों को स्नान करवाया गया। सुबह 7 बजे मंदिर में झंडे की रस्म अदा की गई। उसके बाद सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कहा कि हमें सदैव गुरुजनों का आदर करना चाहिए। गुरु का आदर कभी व्यर्थ नहीं जाता, एक न एक दिन उसका फल अवश्य मिलता है। जब गुरु का आशीर्वाद होता है तो दुख अपने आप दूर हो जाते हैं। भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें खुशी आने पर ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए और दुख आने पर ज्यादा घबराना नहीं चाहिए क्योंकि न तो खुशी ज्यादा रूकने वाली और न ही दुख ज्यादा देर ठहरने वाला होता है। दुख आया तो जाएगा और खुशी भी आई है तो वह भी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम खुशी में तो भगवान को याद नहीं करते लेकिन दुख आने पर भगवान को जरूर याद करते हैं। भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें अपना मन साफ करना होगा। जब मन साफ होगा तो हमें सब यह स्पष्ट दिखाई देगा कि जिस चीज का हमें ढूंढ रहे हैं वह हमारे अंदर ही विराजमान है। जब साफ मन से भगवान को याद किया जाए तो प्रभु किसी चीज की कमी नहीं रहने देंगे। भगत संजीव कुमार जी ने कहा कि जैसे मधुमक्खी शहद इक_ा करती ही रह जाती है लेकिन अंत में कोई शिकारी ही उस शहद को लूट जाता है। उसी तरह मानव को भी धन संचय न करके अपनी कमाई को परमार्थ कार्य में लगाना चाहिए अन्यथा धन का दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि हमें दान-पुण्य के अलावा जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए। भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें जीवों को यातनाएं देने की बजाय उन्हें प्यार करना चाहिए। जीव भी हमारी प्रकृति का अहम् हिस्सा है। जीव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मानव जाति के लिए फायदेमंद होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बुजुर्गों का स मान करना चाहिए। बुजुर्गों के अनुभवों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। माता-पिता को वृद्धावस्था में बोझ न समझें। ‘मैं तां गुरुआं दे दरबारे, होंदे देखे कमाल’ पर श्रद्धालु झूम उठे। भंडारे में हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश से भी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रात्रि को भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।