हिसार।
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों को आंदोलन के लिए उकसाने व जनता को परेशान करने के लिए सरकार बार-बार रोडवेज यूनियनों से किये गये समझौतों से मुकर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार की दोगली नीति के तहत कोई भी निजी बस नये परमिटों के अनुसार बस अड्डों में घुसी तो उसी समय प्रदेशभर में रोडवेज का चक्का जाम कर दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
दलबीर किरमारा ने कहा कि निजी परमिटों के खिलाफ रोडवेज की आठों यूनियनों के आह्वान पर किये गए चक्का जाम के दौरान परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारियों ने बातचीत करके समझौता किया था, जिसके तहत नई परमिट पॉलिसी रद्द करके माननीय हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया जाना था। विभाग के उच्चाधिकारियों ने पहली बार नीति में संशोधन करने का शपथ पत्र दिया तो यूनियनों के विरोध के बाद परिवहन मंत्री ने कह दिया कि उन्हें नहीं पता कि शपथ पत्र में क्या कहा गया है, लेकिन अब फिर से नई नीति के तहत परमिट चलाने का शपथ पत्र सरकार ने दिया है, जो रोडवेज यूनियनों, कर्मचारियों व आम जनता से सीधा-सीधा धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार से 13 अप्रैल, 1 मई व 16 मई को अलग-अलग बातचीत हुई और हर बातचीत में सरकार ने परमिट नीति रद्द करने का न केवल आश्वासन दिया, बल्कि हाईकोर्ट में शपथ पत्र देने का वादा भी किया, लेकिन बार-बार बातचीत करने व आश्वासन देने के बावजूद भी सरकार दोगली नीति अपनाकर कर्मचारी वर्ग को आंदोलन के लिए उकसा रही है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि परिवहन बेड़े में साधारण बसों की संख्या बढ़ाने, ग्रामीण जनता व छात्र वर्ग को ज्यादा से ज्यादा बस सुविधाएं मुहैया करवानेे, कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं का हल करने तथा निजी परमिट नीति को पूर्ण रूप से रद्द करने सहित कर्मचारियों, विभाग व जनहित की सभी मांगों पर विभाग की आठों यूनियनें एकजुट है। यदि सरकार ने यूनियनों के साथ हुए समझौते को सिरे नहीं चढ़ाया और नये परमिटों के अनुसार निजी बसें चलाने का प्रयास किया तो प्रदेशभर में उसी समय चक्का जाम कर दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने विभाग की यूनियनों व कर्मचारियों की एकता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनसे आह्वान किया कि वे एकजुट रहें ताकि सरकार को एक बार फिर जनविरोधी निर्णय करने से रोका जा सके।
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