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गरीबी के अंधकार में सूरज की तरह चमका राजकुमार

सिरसा
प्रतिभा कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं रहती। ये साबित करके दिखाया है शक्कर मंदोरी के गरीब परिवार के होनहार छात्र राजकुमार ने। राजकुमार ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं के परीक्षा परिणाम में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले भर में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। राजकुमार के पास रहने को घर नही है। वह एक झोपड़ी में रहता है। झोपड़ी में ना बिजली है और ना ही पानी की व्यवस्था। लालटेन की रोशनी में पढ़कर राजकुमार ने 500 में से 474 अंक हासिल किए। राजकुमार ने कहना कि वह पढ़-लिखकर इंजीनियर बनना चाहता है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे राजकुमार का कहना कि बिजली, पानी और छत्त न होने के कारण परेशानी तो बहुत होती है लेकिन वो इंजीनियर बनकर ऐसे भवन बनाना चाहता है—जो गरीब लोगों को भी नसीब हो सके। राजकुमार ने बताया कि आंधी के दिन और बरसात के दिनों में काफी मुश्किल होती है। बारिश की रात में ना तो उनके खाना बन पाता है और ना ही वे सो पाते है। रात काटने के लिए पूरे परिवार को अलग—अलग मकानों के छज्जों के नीचे शरण लेनी पड़ती है।
होनहार छात्र राजकुमार का पूरा परिवार दिहाड़ी मजदूरी कर अपना गुजर—बसर कर रहा है। वे दिन में इतना ही कमा पाते हैं, जिससे वे अपनी दो वक्त की रोटी जुटा पाते हैं। परिवार में पांच बच्चे हैं जिनमें से राजकुमार सबसे छोटा है । बचपन से ही पढ़ाई में तेज होने के कारण सरकारी स्कूल में जाता था। चौथी कक्षा में बालाजी सीनियर सैकंडरी स्कूल के चेयरमैन ने संदीप बैनिवाल ने राजकुमार की प्रतिभा को देखते हुए अपने स्कूल में नि:शुल्क प्रवेश दिया। तब से लेकर आज तक वर्दी, किताब, कापी, पेन आदि सब जरूरत की चीजें भी स्कूल द्वारा ही मुहैया करवाई जाती है। परीक्षा परिणाम से खुश होकर स्कूल के चेयरमैन ने 12वीं के बाद की पढ़ाई का खर्च भी स्वयं उठाने की घोषणा की। वहीं गांव के सरपंच ने ग्राम पंचायत में आने वाली सोलर ला​इट इनकी झोपड़ी के पास लगवाने की घोषणा की है।

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