हिसार.
नकली चोट असली नोट मामले में शिकायतकर्ता ने जिस आधुनिक तकनीक के माध्यम से स्टिंग आपरेशन कर इस मामले को उजागर किया था, उस तकनीक की सीएफएसएल जांच में उसे सही करार दे दिया गया है। अब इस वीडियो को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एक ठोस सबूत के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
नकली चोट असली नोट मामले को उजागर करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले एडवोकेट हरदीप ने बताया कि नकली चोट असली नोट से संबंधित वीडियो, स्पाई कैमरा और पैन ड्राइव की जांच के लिए तत्कालीन एडिशनल सेशन जज देशराज चालिया ने चंडीगढ़ स्थित सीएफएसएल में भेजा था। हाल ही में इस जांच की रिपोर्ट आई है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि स्टिंग में जो वीडियो, स्पाई कैमरा और पैन ड्राइव प्रस्तुत की गई है, उनके किसी तरह की कोई छेडख़ानी नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार इस जांच को पूरा होने में करीबन 5 से 6 महीने का समय लगा है।
एडवोकेट हरदीप का कहना है कि नकली चोट असली केस में जो स्टिंग किया गया था, उसी के आधार पर सारा केस कोर्ट में चल रहा है। अब जब इस स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो की जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष सही बताई गई है। इसी के आधार पर इस प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
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