हिसार

नगर निगम में करोड़ों का गड़बड़झाला !

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नगर निगम की वित्तीय स्थिति को लेकर आज हुई विशेष बैठक के दौरान निगम परिसर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हाऊस टैक्स की रिकवरी और हाऊस टैक्स से संबंधित गड़बड़झाले ही चर्चा में रहे। इतना ही नहीं, बैठक के दौरान निगम आयुक्त ने भी स्वीकारा कि हाऊस टैक्स शाखा में गड़बड़ झाले हुए हैं और उसकी जांच के लिए पूरी सूची तैयार कर शाखा से संबंधित अधिकारियों से सख्ती से जवाब-तलब किया जा रहा है।
दिलचस्प बात है कि आयुक्त ने बैठक में उपस्थित पार्षद व निगम अधिकारियों के सामने बताया कि शाखा के अधीक्षक को जैसे ही पता चला कि बैठक होनी है, उसने छुट्टी के लिए आवेदन कर दिया। आयुक्त ने इस छुट्टी को कैंसिल किया तो अपना मेडिकल भेज दिया और कहा कि उनको हैरास किया जा रहा है। इन सभी बातों के दौरान आयुक्त ने इशारा कर दिया कि वे इस मामले को वे ऐसे नहीं छोड़ेंगे और हर पहलू की जांच के बाद जो भी व्यक्ति आरोपी पाया जाएगा, उनके खिलाफ अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान बैठक में इस बात को भी स्पष्ट किया गया कि आरंभिक जांच में हाऊस टैक्स को लेकर जो परेशानी आमजन को हो रही है, उसका कारण हाऊस टैक्स का सर्वे व बिल बनाने वाले एजेंसी की गलती नहीं पता चल रही। निगम की हाऊस टैक्स शाखा की तरफ से ही परेशानियां हुई हैं और उसे जल्द दूर भी करवा लिया जाएगा। इसके चलते एजेंसी के रुके 17 लाख रुपए में से 10 लाख रुपए की रकम एजेंसी को देने पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई।
करोड़ों का गड़बड़झाला होने की उम्मीद
निगम की इस बैठक में हाऊस टैंक्स बिल के वितरण, जमा करने और रिकॉर्ड को अपडेट करने की खामियों के चलते करोड़ों का गड़बड़झाला होने की उम्मीद है। दरअसल, निगम प्रशासन के पास भी इस गड़बड़झाले को उजागर करने के लिए फिलहाल पूरे दस्तावेज नहीं है। निगम ने आज की बैठक में इस बात को भी स्वीकारा कि निगम की हाऊस टैक्स के सर्वर से 50 से भी अधिक जी-8 की बुक्स गायब हैं। इससे निगम प्रशासन यह स्पष्ट ही नहीं कर पा रहा है कि उन्होंने किस नागरिक से कितना हाऊस टैक्स ले लिया है और उसका कितना पेंडिंग है या फिर उससे तय राशि से अधिक जमा करवा लिया है।
बिल पर पार्ट पेमेंट लिखे होने से आम नागरिक परेशान
बैठक में निगम की हाऊस टैक्स शाखा का एक और गड़बड़झाला सामने आया। आम नागरिक जब अपने हाऊस टैक्स की राशि जमा करवाने के लिए निगम से बिल की प्रति हासिल करता है और उसमें लिखी गई राशि को भर देता है तो भी उसकी प्रापर्टी आईडी पर पेडिंग हाऊस टैक्स बिल की राशि वही की वही बता रहा है। इस बात को आज निगम के पार्षद नरेन्द्र शर्मा ने उजागर भी किया। पार्षद शर्मा ने हाऊस टैक्स का एक बिल हाल ही में जमा करवाया, जिसकी राशि करीबन तीन हजार रुपए थी। उन्होंने यह राशि जमा करवा दी और आज उसी प्रापर्टी आईडी का बिल निगम से दोबारा निकलवाया, जिसमें वही राशि दोबारा पेन्डिंग बताई गई, जिस राशि को वह कुछ दिन पहले जमा करवा चुके हैं। इस गड़बड़झाले का जब निगम आयुक्त ने शाखा के एक कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने कहा कि शाखा के सर्वर से 50 के करीब जी-8 की बुक्स नहीं है। इसके चलते अब सभी बिल पर पार्ट पेमेंट (पीपी) लिखा जा रहा है। बैठक में बताया गया कि पीपी लिखकर भेजे गए बिल का भुगतान करने के बाद भी उस प्रापर्टी आईडी पर बिल की राशि पेंडिंग ही दिखाई जाएगी, जब तक सारी जी-8 बुक्स को सर्वर पर दुरुस्त नहीं किया जाएगा।
निगम की ऑनलाइन हाऊस टैक्स सेवा ठप्प
इस दौरान हाऊस टैक्स शाखा के अधिकारियों ने यह भी बताया कि निगम ने पिछले दिनों आमजन की सुविधा के लिए उनकी प्रापर्टी आईडी के आधार पर ऑनलाइन हाऊस टैक्स बिल को डाउनलोड करने की सुविधा आरंभ की गई थी, परंतु जब से जी-8 बुक्स गायब हुई हैं, उसके बाद से सर्वर पर ऑनलाइन सेवाएं ठप्प हो चुकी हैैं। अब हर नागरिक अपनी प्रापर्टी आईडी के आधार पर हाऊस टैक्स बिल को डाउनलोड नहीं कर पाएगा।

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