धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 411

भागचंद की धर्मपत्नी भाग्यवती की आदत थी सबकी निंदा करने की। उसे निंदा करना काफी अच्छा लगता था। निंदा करते हुए वह अपनी बात में...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —410

एक गांव में भागचंद रहता था। युवा हुआ तो उसका विवाह भाग्यवती से कर दिया गया। भाग्यवती सुंदर थी लेकिन अहंकारी थी। उसे अपनी सुंदरता...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—409

किसी गांव में एक संत आए। उनकी ख्याति सुनकर गांव का एक वृद्ध किसान उनसे मिलने पहुंचा। उसने अपने कुछ कष्ट बताए और मुक्ति की...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 408

एक सेठ ने अपना कामधंधा अपने पुत्रों को सौंप दिया। इसके बाद उन्होंने अपना जीवन सेवाकार्य में अर्पित कर दिया। उनकी धन संग्रह में जरा...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 406

भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—405

एक परिवार था वो गरीब था। खाने को कुछ नहीं था। काफी सोचा की काम मिले मगर काम नहीं मिला। दो बच्चे थे, बीबी थी।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 404

एक नगर में बड़े संत हुए। उनका शिष्य नगर का अरबपति किरोड़ीमल सेठ था। वो हर रोज संत से पूछता था मौत निश्चित है। लेकिन...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 403

किसी जंगल में एक संन्यासी रहता था। वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। उसने कई वर्षों तक तपस्या की। फलस्वरूप भगवान उसकी तपस्या से...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 402

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक संत हमेशा घूमते रहते और लोगों को धर्म-कर्म के लिए प्रेरित करते थे। घूमते-घूमते वे एक ऐसे राज्य में पहुंच गए, जहां के राजा...