फतेहाबाद

फतेहाबाद में सरेआम जलती रही पराली, हवा में घुले जहर ने फतेहाबाद से लेकर आदमपुर तक के लोग हुए परेशान


फतेहाबाद (साहिल रुखाया)

पराली जलाने पर रोक लगाने के एनजीटी की तमाम आदेशों के बीच किसानों का पराली को आग लगाने का सिलसिला जारी है। मंगलवार शाम करीब 5 बजे के बाद अचानक फतेहाबाद शहर और आसपास के बड़े क्षेत्र में जबरदस्त स्मॉग छा गया। कारण था फतेहाबाद शहर से 5 किलोमीटर दूर सिरसा रोड पर सड़क किनारे खेतों में जल रही पराली। यहां किसान एक नहीं, 2 नहीं, 3 नहीं बल्कि दर्जनों एकड़ में पराली को आग के हवाले करते दिखे। जलती पराली से धुआं और प्रदूषण हल्की हवाओं के साथ शहर की तरफ फैल गया और शाम ढलने से पहले ही विजिबिलिटी इतनी कम हो गई लोगों की आंखों में काफी तेज जलन पैदा हो गई और सड़क पर चल रहे वहां रेंगने लगे। शाम ढलने के साथ ही स्मॉग इतना छा गया कि लोगों का दम घुटने लगा और आंखों में जलन होने लगी। यहां क्लिक करे— स्कूल प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार

क्या बोले किसान
पराली को आग के हवाले करने वाले एक किसान से जब बात की गई तो उसने कहा कि इलाके में उनके अलावा भी बहुत किसान ऐसे हैं जो पराली को आग लगा रहे हैं। पराली को आग के हवाले करने के अलावा कोई चारा उनके पास नही हैं और सरकार कोई स्थाई मदद या समाधान किसानों के लिए कर नहीं पा रही है। सरकार पराली को जलाने के स्थान पर कोई समाधान बताए तो वे करने को तैयार है।
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राहगिर हुए परेशान
वहीं जीरो विजिबिलिटी में बाइक से घर जा रहे एक राहगीर से बात की गई तो उसने कहा कि किसानों द्वारा इलाके में काफी मात्रा में पराली को आग लगाई गई है जिसके कारण स्मॉग छाया हुआ है। उन्हें मुहं पर कपड़ा डालकर जाना पड़ रहा है। सड़क पर कुछ दिखाई नहीं देने से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। पराली के धुएं से मंगलवार शाम को हालात इतने बिगड़ गए कि सड़क पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और सांस लेना व आंख खोलना मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन—सा हो रहा था।
फतेहाबाद का जहर फैला हिसार बार्डर तक
फतेहाबाद क्षेत्र में जलाई गई पराली का धुआं हिसार शहर के बार्डर गांव चिकनवास तक दिखाई दिया। हिसार जिले का आदमपुर क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह से धुएं के आगोश में दिखाई दिए। यहां लोगों को सांस लेने में बड़ी तकलीफ सहन करनी पड़ी। हालत यह थी कि 7 बजते ही बाजार बंद हो गए और लोग अपने—अपने घरों में जाते दिखाई दिए। सभी ने आपने चेहरे पर रुमाल बांध रखा था।
सरकार और प्रशासन हुए फेल
पराली जलाने के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए गए सभी अभियान फेल दिखाई दिए। फतेहाबाद में सरेआम पराली जलाई जा रही थी, उस समय मीडिया तो किसानों तक पहुंच गया—लेकिन प्रशासन का एक भी अधिकारी इन किसानों तक नहीं पहुंचा था। इसके चलते हवा में जहर घुलता रहा, लोग परेशान रहे—लेकिन अधिकारी अपने घरों में दुबके रहे। लोगों का कहना है कि आग जल रही है तो प्रशासन नींद में है, प्रदूषण हवा में घुल चुका है तो सुबह अधिकारी जुर्माना लगाने की औपचारिकता निभाकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेंगे। लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि पराली जलाने से रोकने में सरकार और प्रशासन पूरी तरह से फेल रही है।
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