हरियाणा हिसार

कोठी फ्रोड मामले में पुलिस प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरे व्यापारी


आदमपुर

माडल टाउन की बहुचर्चित कोठी फ्रोड मामले में आज पुलिस प्रशासन के खिलाफ आदमपुर के व्यापारियों व सामाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। व्यापारियों का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी फ्रोड करने वाले गिरोह से मिले हुए है और वे जांच को लंबा खिंचने के लिए बार—बार इसमें हस्तक्षेप कर रहे है। ज्ञापन में मांग की गई है कि मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या डीएसपी रैंक के अधिकारी से करवाई जाए।
व्यापार मंडल ने फ्रोड लोगों पर कार्रवाई की मांग की—
आदमपुर व्यापार मंडल का कहना है कि आदमपुर में आज तक सभी लेन—देन भाईचारे और पंचायती तौर—तरीके से होते आए है। लेकिन पिछले कुछ समय से एक फ्रोड गिरोह यहां पर सक्रिय हुआ है, जो अधिकारियों से मिलीभगत करके लोगों से एक ही प्रोपर्टी के कई—कई बार पैसे ऐंठने में लगा हुआ है। सरकार और प्रशासन को चाहिए की वह ​इन लोगों पर लगाम लगाए।

क्या है मामला—
आदमपुर के माडल टाउन स्थित एक कोठी को 17 अगस्त 2016 को सुरेश कुमार ने हवासिंह, मुनिश ऐलावादी और पर्वत सोनी को 50 लाख रुपए में बेचा था। इसकी एवज में सुरेश कुमार ने 30 लाख रुपए तहसील में इकरारनामा लिखवाकर ले लिए। ​इसके बाद सुरेश कुमार ने 8 लाख रुपए 24 अगस्त 2016 को तीनों से लेकर रजिस्ट्री की तारीख 15 अक्टूबर तय की। लेकिन ​इस दौरान तीनों ने कोठी पर कब्जा ले लिया। 15-16 अक्टूबर को तहसील में अवकाश होने के कारण तीनों क्रेताओं ने सुरेश को 14 अक्टूबर को तहसील में बुलाया। लेकिन सुरेश पूूरे दिन तहसील में नहीं आया। बाद में 17 अक्टूबर को भी सुरेश कुमार तहसील में नहीं आया। इस दौरान कोठी के पहले मालिक सुभाष ने तहसील में एक इकरारनामा उक्त कोठी पर विवेकानंद नामक व्यक्ति के हक में पेशकर कोर्ट से रजिस्ट्री पर स्टे ले लिया। हवासिंह, मुनिश ऐलावादी और पर्वत सोनी का आरोप है कि उक्त इकरारनामा फर्जी है और उनसे 10 लाख रुपए लेकर कोर्ट का स्टे भी विवेकानंद ने हटवा लिया। लेकिन इसके बाद भी सुरेश ने ना ही तो कोठी की रजिस्ट्री करवाई और ना ही अब उन्हें कोठी पर कब्जा नहीं दिया जा रहा।
पुलिस से क्यों नाराज है व्यापारी—
कोठी को लेकर आदमपुर पुलिस की कार्रवाई उस समय कटघरे में आ गई जब पुलिस ने फ्रोड करने वालों पर कार्रवाई करने के स्थान पर तहसील में पैसे देकर कोठी पर कब्जा लेकर बैठे हवासिंह, मुनिश ऐलावादी और पर्वत सोनी से कोठी खाली करवाते हुए इन पर जबरन कब्जा करने का मामला दर्ज कर दिया। ​इसका विरोध उस समय भी आदमपुर के व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने फ्रोड करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आदमपुर की पंचायत आईजी से मिली तो आईजी ने मामले की जांच डीएसपी जितेंद्र सिहं को सौंप दी। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि डीएसपी जितेंद्र सिहं ने अपनी जांच पूरी कर ली,लेकिन जांच उच्चाधिाकारियों को सौंपने से पहले ही उनसे जांच वापिस लेकर जांच उन्हीें पुलिसकर्मियों को वापिस दे दी, जो पीड़ित पक्ष से कोठी खाली करवाने व उन पर मामला दर्ज करवाने में शामिल रहे है।
क्या है मांग—
हवासिंह, मुनिश ऐलावादी और पर्वत सोनी के समर्थन में उतरे आदमपुर क्षेत्र के व्यापारिक, सामाजिक संगठनों और लोगों की मांग है कि पुलिस अधिकारी घटनाक्रम के समय आदमपुर में तैनात रहे पुलिसकर्मियों के स्थान पर मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी या डीएसपी रैंक के अधिकारी से करवाए। साथ ही आरोपियों द्वारा पहले किए गए सभी जमीनी फ्रोड की जांच भी शुरु की जाए।
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आगे क्या रहेगी रणनीति—
वीरवार को व्यापारियों ने आदमपुर में हजारों की संख्या में एकत्रित होकर प्रदर्शन करने के बाद नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि एक माह में कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे शहर को बंद करने और प्रशासन के साथ असहयोग आंदोलन चलाने को मजबूर होंगे।
ये रहे मौजूद—
प्रदर्शन में व्यापार मंडल प्रधान तरसेम गोयल,श्यामलाल जैन, लीलू राम, राजाराम खिचड़, इनेलो हलका अध्यक्ष राजकुमार जांगड़ा, सरपंच प्रीतम सिंह सरदार, ब्लाक समिती सदस्य मेजर नरषोत्तम बिश्नोई, हरियाणा किसान मंच के प्रदेश सचिव रमेश बैनिवाल व जिलाध्यक्ष प्रताप सिहं सहारण, प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन प्रधान म़ा.वजीर सिहं, परमाणु विरोधी मोर्चा के संयोजक प्रदीप कुमार, आॅटो मार्केट के प्रधान ताराचंद बुड़ाकिया, जैन सभा के प्रधान घीसाराम जैन,सदलपुर गौशाला प्रधान सुलतान सिहं,शहीद उद्यम सिहं युवा मंच के प्रधान सोनू गोदारा,भगत सिंह यूवा कल्ब के सचिव भूप सिंह,पंजाबी सभा से विनोद ऐलावादी, बलवंत जंवर सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे।

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