धर्म

स्वामी राजदास : चोर

मैंने सुना है, एक फकीर के घर में एक चोर घुस गया रात। अंधेरे में टटोल रहा था, फकीर ने कहा:मेरे भाई। घबड़ाना मत, मैं दीया जला दूं।
उस चोर ने कहा दीया जला लूं क्या मतलब?
फकीर ने कहा मैं भी तुम्हारा साथ दूंगा। क्योंकि मैं इस घर में तीस साल से रहता हूं, मुझे कुछ नहीं मिला। दिन के उजाले में खोजते-खोजते परेशान हो गया हूूं तुम रात में खोज रहे हो। तुम्हारे भाग्य से शायद कुछ मिल जाए तो आधा-आधा कर लेंगे।
तुम्हारे घर में क्या माल रखा हैं, कि कुछ नहीं है। तुम्हारे घर में कोई चुरा भी ले जाएगा तो क्या चुरा ले जाएगा?
धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, मन के फकीर बनो। इसके बाद छल—कपट, लोभ—माया और क्रोध जैसे चोर तुम्हारे प्रेम और आनंद को कभी नहीं चुरा पायेंगे।
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