हिसार

यथावत रहेंगे 8200 कर्मचारी-बैकफुट पर सरकार,यूनियनों के दबाव, मीडिया की सुर्खियां व राजनीतिक आलोचना के बाद फिर से पत्र जारी

हिसार(राजेश्वर बैनीवाल)
रोडवेज के 8200 चालकों-परिचालकों को फिर से अस्थाई करने के पत्र से कर्मचारियों में फैले रोष, यूनियनों द्वारा बड़े आंदोलन की चेतावनी, राजनीतिक दलों द्वारा मामले पर सरकार की आलोचना तथा मीडिया में मामले की सुर्खियां बनने के बाद सरकार एक बार फिर बैकफुट पर आ गई है। परिवहन विभाग के महानिदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि 1 जनवरी 2003 से लगे इन 8200 कर्मचारियों की सेवाएं निरंतर जारी रहेगी।
तीन दिन पूर्व ही विभाग के महानिदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि पूर्व में नियमित किये गए इन 8200 चालकों-परिचालकों को अस्थाई माना जाएगा। ऐसा कहते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों का हवाला दिया गया था, जिनमें समान काम-समान वेतन की बात कही गई थी। महानिदेशक के इस पत्र के बाद रोडवेज कर्मचारियों में रोष फैल गया वहीं यूनियनों ने किसी भी क्षण चक्का जाम करने की चेतावनी दे डाली थी। यूनियनों ने यहां तक कह दिया था कि यदि इस पत्र को लागू किया गया तो किसी भी क्षण प्रदेश में चक्का जाम हो सकता है।
बताया जाता है कि कर्मचारियों को फिर से अस्थाई करने के पत्र से फैले रोष की ग्राऊंड रिपोर्ट व यूनियनों की चेतावनी को देखते हुए विभाग बैकफुट पर आया है। विभाग के महानिदेशक ने आज पुन: पत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी 2003 से लगे इन कर्मचारियों की सेवाएं यथावत रहेंगी। पत्र में कहा गया है कि पूर्व में कन्फ्यूजन की वजह से पत्र जारी हो गया था। ताजा पत्र के अनुसार माननीय सुप्रीम कोर्ट का समान काम-समान वेतन वाला फैसला 1 जनवरी 2003 के बाद लगे व पक्के होने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। ऐसे में इन कर्मचारियों को नियमित मानने में कोई अड़चन नहीं है। जैसे ही कर्मचारियों व यूनियनों के महानिदेशक के पत्र का पता चला तो उन्होंने फैसले पर खुशी जताते हुए एकता की जीत बताया, वहीं कर्मचारियों को आगामी संघर्ष के लिए तैयार करने का आह्वान किया।
इससे पूर्व परिवहन महानिदेशक द्वारा रोडवेज के 8200 चालकों व परिचालकों को फिर से अस्थाई किये जाने का पत्र जारी होने का मामला सुर्खियों में आ गया था, जिससे कर्मचारियों में रोष फैलने के साथ-साथ सरकार की राजनीतिक स्तर पर आलोचना होने लगी थी। हांसी की विधायक रेनुका बिश्नोई ने अपने हिसार, हांसी व फतेहाबाद दौरे के दौरान सरकार पर उल्टी दिशा में चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों का कच्चे से पक्का होते को सुना गया था लेकिन यह सरकार पक्के कर्मचारियों को कच्चे कर रही है। इसके अलावा भी उन्होंने सरकार पर अनेक आरोप जड़े थे। इसके साथ ही रोडवेज की यूनियने भी सरकार की आलोचना करके आंदोलन की चेतावनी दे चुकी है। बताया जाता है कि अपने सूत्रों के माध्यम से सरकार एवं परिवहन विभाग ने ग्राऊंड रिपोर्ट लेने के बाद तीन दिन पूर्व जारी किया गया पत्र वापिस ले लिया और स्पष्ट कर दिया कि इन 8200 चालकों व परिचालकों की सेवाएं यथावत रहेंगी।
यूनियनों ने बताया संघर्ष की जीत
परिवहन महानिदेशक द्वारा पत्र वापिस लेने को यूनियनों ने संघर्ष की जीत बताया है। रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, रामसिंह बिश्नोई, राजपाल नैन एवं अन्य ने कहा कि यह यूनियनों की एकजुटता व संघर्ष की जीत है। वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार एवं विभागीय अधिकारियों को कर्मचारी विरोधी निर्णय लेने से पूर्व विभाग, कर्मचारियों व आम जनता के हित में निर्णय लेने चाहिये ताकि कोई परेशान न हो। उन्होंने दोहराया कि अन्य मांगों व समस्याओं के हल के लिए 28 दिसम्बर का चक्का जाम की घोषणा यथावत रहेगी और इसके लिए डिपो स्तर पर प्रचार अभियान जारी है।

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