हिसार,
परिजनों से कैद से आजाद होकर लडक़ी नीतू किसी तरह सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के परिजात कॉम्पलैक्स, परिजात चौक स्थित कार्यालय में पहुंची और खुद को जान का खतरा बताते हुए पुलिस सहायता की मांग की व विरेंद्र कुमार से प्रेम विवाह करने के लिए ट्रस्ट कार्यालय में दोनों ने आवेदन किया। सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि लडक़ी नीतू व लडक़ा विरेंद्र कुमार एक दूसरे से प्रेम करते हैं। जब लडक़ी नीतू ने अपने परिजनों के समक्ष विरेंद्र से शादी का प्रस्ताव रखा तो वे इसके खिलाफ हो गए और उन्होंने उसकी शादी कहीं और तय कर दी। नीतू ने बताया कि उसके परिजनों ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी कहीं और तय कर दी और उसे घर में कैद कर लिया वह किसी तरह परिजनों के चंगुल से छुटकर आई और अब उन्होंने सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय में हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत शादी क्रमांक संख्या 270 के तहत अंतरजातीय प्रेम विवाह कर लिया है। लडक़ी नीतू ठाकुर राजपूत है जबकि विरेंद्र दलित धानक जाति से संबंधि रखता है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
नीतू ने बताया कि उसके परिजन उनकी इस शादी के खिलाफ हैं और वे पहले भी उसे धमकी दे चुके हैं कि यदि उसने विरेंद्र से शादी की तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। इसलिए उसने हिसार की पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा की मांग की है। ट्रस्ट चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि लडक़ा-लडक़ी को लडक़ी के परिजनों से खतरा होने के कारण उन्हें सेफ हाउस में भिजवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक समाज में कुछ लोग प्रेम विवाह के खिलाफ हैं और यहां तक कि अपने बच्चों की जान के दुश्मन बन जाते हैं। हमारे समाज को यह रूढ़ीवादी सोच बदलने की जरूरत है हर बालिग लडक़ा-लडक़ी को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार होना चाहिए।
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