टोहाना (नवल सिंह)
आज पूरा संसार मानवाधिकार दिवस मना रहा है, लेकिन पिरथला डिलीवरी हट के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डिलीवरी हट पर ताला लटका है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं के अधिकारों की चिंता किसी को नहीं है। दरअसल यहां पर सरकार ने सभी कच्चे कर्मचारी नियुक्त कर रखे है। ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले एक हफ्ते से हड़ताल पर है। सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रहे संघर्ष में यदि कोई पिस रहा है तो वह है आमजन।
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गांव पिरथला के सरपंच प्रतिनिधि डा.दलबीर सिंह ने बताया कि गांव पिरथला में बनी पीएचसी को डिलीवरी हट का नाम दिया गया है। इस पीएचसी में 11 गांव से गर्भवती महिलाए डिलीवरी के लिए आती है। यहां पर तैनात तीन एनएचएम स्टाफ नर्स हडताल पर है। इसके चलते यहां ताला लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि देर रात्रि भी गांव सनियाना से डिलीवरी केस आए थे। लेकिन ताला लटका होने के कारण उन्हें सनियाना जाना पड़ा। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
ग्रामीण शमशेर ने कहा कि आमजन को हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं को परेशानियों से झूझना पड़ रहा है। महिलाओं को डिलीवरी के लिए शहर में जाना पडता है। रात्रि के समय यह समस्या और भी गंभीर रूप धारण कर लेती है।
इस बारे में ग्रामीण दिलबाग सिंह ने कहा कि सरकार को हड़ताल पर बैठे कर्मियो से बातचीत कर इस समस्या का हल करना चाहिए ताकि यहां डिलीवरी शुरू हो सके। क्योंकि डिलीवरी न होने के चलते महिलाओं को दूर—दराज के क्षेत्रों में जाना पड़ता है।
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अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार काउंसिल के कानूनी सलाहकार नवनीत शर्मा का कहना है कि सुरक्षित मात्तृव हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है। इससे दो जिन्दगी जुड़ी है। सरकार को यहां पर जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
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