सिरसा
विद्युत निगम द्वारा निर्धारित बिजली मीटर के दाम से अधिक वसूलकर उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले का भांडाफोड हुआ है। ये लोग 658 रुपए की कीमत का बिजली मीटर उपभोक्ताओं को 1000 से लेकर 1500 रुपए तक बेचा करते थे। इस मामले में सुभाष चौक स्थित गुरु नानक इलेक्ट्रिक के संचालक के खिलाफ विद्युत निगम की तरफ से धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। हालांकि मामले की जानकारी अधिकारियों के पास काफी पहले से थी, लेकिन मामला मीडिया में छाने के बाद ही उनकी नींद टूट पाई।
जानकारी के अनुसार विद्युत निगम द्वारा उपभोक्ताओं को बाजार से मीटर खरीदने की छूट दी गई है। लेकिन इस छूट के साथ ही निगम ने मीटरों की कीमत भी तय कर रखी है। निगम द्वारा निर्धारित कीमत से अधिक रेट दुकानदार नहीं वसूल सकता। पिछले कुछ समय से विद्युत निगम के स्टोर में मीटर नहीं है। इसके चलते उपभोक्ताओं को बाजार से मीटर खरीदने पड़ रहे है। दुकानवारों द्वारा मीटरों के पैसे अनाप—शनाप वसूले जा रहे थे, लेकिन बिल कम पैसों के दिए जा रहे थे। मामले का खुलासा होने पर एसडीएम रिपुदमन सिंह ने पुलिस को सुभाष चौक स्थित गुरु नानक इलेक्ट्रिक के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है।
उपभोक्ता इन कंपनियों के मीटर लगवा सकता है—
विद्युत निगम की तरफ से जीनस पावर, एचपीएल व लिंकवैल कंपनी के मीटर खरीदने की अनुमति दी गई है। केवल इन तीन कंपनियों के मीटर ही निगम अपनी प्रयोगशाला में जांच करता है, जांच में सही होने पर मीटर लगा दिया जाता है। हालांकि बाजार में अन्य कई कंपनियों के बिजली मीटर भी आते है,लेकिन उसकी जांच निगम अपने प्रयोगशाला में करने की अनुमति नहीं देता। इसके चलते उपभोक्ता केवल तीन ही कंपनियों के मीटर खरीदने को विवश है।
बिजली के छोटे मीटर का बड़ा खेल
बिजली का मीटर छोटा—सा होता है। लेकिन इसके पीछे काफी गोलमाल है। अलग—अलग सरकारों के दौरान मीटर की कंपनियां भी बदलती रही है। इसके पीछे का कारण सैटिंग है। प्रदेश में भाजपा सराकर बनने के बाद जीनस के मीटर को अनुमति मिल गई, लेकिन हुड्डा सरकार में इस कंपनी को विद्युत निगम ने इंकार कर दिया था। कैपिटल कंपनी के मीटर प्रदेश में वर्षों तक चलते रहे—लेकिन अब वह प्रतिबंधित है।
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