फतेहाबाद

प्लाट..मकान..ना दे सको तो एक शौचालय ही बनवा दो

टोहाना (नवल सिंह)


https://youtu.be/vaoKNN8hUrY

ना रहने को छत्त और ना ही खाने को भरपेट भोजन…कुछ ऐसी ही कहानी है टोहाना के वार्ड नंबर 1 के राजनगर स्थित स्लम एरिया की। प्रदेश की भाजपा सरकार अंत्तोदय की बात करती है..समाज के अंतिम आदमी तक का उत्थान करने की शपथ है..लेकिन उसी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के शहर टोहाना में, स्लम एरिया में रहने वाले लोग बस्ती में सार्वजनिक शौचालय न होने से परेशान है…ये लोग खुले में रेलवे लाइन के किनारे शौच करने को मजबूर है। उकलाना में इसी समुदाय की मासूम गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी के बाद इन लोगों में भय का भी माहौल है। नर्क जैसी जिंदगी जी रहे इन लोगों ने नेताओं पर झूठे वायदे करने व वोट हथियाने के गंभीर आरोप भी लगाए है।
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30 साल से झुग्गी में रह रहे ये लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है..सरकार और प्रशासन खुले में शौच नहीं करने देते, ऐसे में ये लोग कहां जाए—इसका जवाब किसी के पास नहीं है..। झुग्गियों के पास ही गंदगी के ढ़ेर लगे है..नालियों में गंदा पानी जमा है..सर्दी के मौसम में मच्छर मंड़राते नजर आ रहे है..पूरी बस्ती में स्वास्थ और स्वच्छता को लेकर कोई जागरुकता नहीं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छता अभियान यहां दम तोड़ता नजर आ रहा है।
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यहां के निवासी कुलदीप का कहना है कि नेता लोग उन्हें महज वोटों के समय ही याद करते है। हर बार प्लाट, पक्का मकान, राशन और रोजगार देने की बात होती है, लेकिन चुनाव के बाद यहां कोई नहीं आता।
नूरी ने बताया कि शौच के लिए रेलवे लाइन के पास जाते है..कई बार लोग पत्थर मारकर बीच में उठा देते है..बच्चियों को और भी अधिक परेशानी होती है। नूपर का कहना है कि प्लाट और मकान यदि सरकार नहीं दे सकती तो कम से कम बस्ती में एक शौचालय तो बनवा ही सकती है।
नगर परिषद् के अधिकारी प्रदीप हुड्डा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत टोहाना और नरवाना को पायलट प्रोजेक्ट में रखा गया है। जल्द ही हाउसिंग बोर्ड के साथ मिटिंग होने वाली है, इसके बाद झुग्गी—झोपडी वालों को मकान बना कर दिए जायेंगे।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला मामले को लेकर एक बार फिर समाज के अंतिम आदमी तक का विकास करने की बात दोहराते नजर आए। उन्होंने कहा ​कि सरकार सभी को पक्का मकान बनाकर देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

स्लम एरिया के लोगों की जीवन शैली और रहने की व्यवस्था को देखकर एक बात तो साफ हो जाती है कि अब तक सरकारों ने इनको सपने तो बहुत दिखाए लेकिन हकीकत में एक शौचालय तक इनको देने के बारे में किसी ने नहीं सोचा।
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