फतेहाबाद

मजदूर की बेटी से गांव को बेरुखी.. बेटी बोली ‘इससे टूटता है हौसला’

टोहाना (नवल सिंह)


https://youtu.be/vaoKNN8hUrY

हाल ही में असम राज्य के गोलाघाट में हुई दसवीं जूनियर नेश्नल महिला बॉक्सिंग प्रतियोगिता में टोहाना हलके के गांव समैण की महिला मुक्केबाज खिलाड़ी ने कांस्य पदक जीता। उसके साथ गई गाजूवाला की खिलाड़ी ने भी अपने वर्ग में कांस्य पदक जीता। घर वापसी पर टोहाना रेलवे स्टेशन पर गाजूवाला की पंचायत ने अपने गांव की बेटी का जोरदार स्वागत किया और उसे लेने के लिए ओपन बॉडी की जीप और ढ़ोल का इंतजाम किया गया था, लेकिन दूसरी तरफ समैण की खिलाड़ी को लेने के लिए ना गांव की पंचायत पहुंची और ना ही कोई मौजिज आदमी। उसके घर से उसके मजदूर पिता अपनी पड़ोसी के साथ बाइक पर पहुंचे थे। ग्रामीणों की बेरुखी का कारण विजेता खिलाड़ी का गरीब होना बताया जा रहा है। वहीं गाजूवाला की पंचायत ने समैण की गरीब खिलाड़ी को अपना आशीर्वाद देते हुए उसे उसके घर तक छोड़ा।
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अपने ही गांव वालों की इस अनदेखी के चलते महिला जूनियर खिलाड़ी और उसकी मां शीला की आंखे भर आई। घर पहुंचने पर उसका स्वागत उसकी मजदूर मां ने किया। लेकिन गांव के मौजिज लोगों के इस व्यवहार ने अमीर—गरीब की खाई के इस अंतर से खिलाड़ी को रुबरु अवश्य करवा दिया।
महिला खिलाड़ी के पड़ोसी माडू राम ने बताया कि पूजा काफी मेहनती है..वह कबड्डी और मुक्केबाजी दोनों गेम खेेलती है और दोनोें गेम में कई पदक देश के अलग—अलग हिस्सों में आयोजित प्रतियोगिताओं में जीत चुकी हैै, लेकिन मजदूर परिवार से होने के कारण उसका कभी ग्रामीणों ने स्वागत नहीं किया, जिसकी वो हकदार है।
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बेटी की अनदेखी से मजदूर मां शीला की आंखे नम है..उनका कहना है कि वह मजदूरी करके बेटी को पढ़ा रही है और खेलने के लिए भेज रही है..उसकी बेटी अच्छा परिणाम भी ला रही है..ऐसे में गांव के बड़े लोगों को उसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। वहीं खिलाड़ी पूजा का कहना है कि सभी के गांव की पंचायतें अपने खिलाड़ियों का स्वागत करती है, हमारे गांव के अन्य खिलाड़ियों का सदा पंचायत स्वागत करती आई है..लेकिन उसके माता—पिता मजदूर है, इसलिए मेरा सम्मान कभी भी पंचायत या गांव के मौजिज लोगों ने नहीं किया। अमीरी—गरीबी और परिवार की पृष्ठभूमि से खिलाड़ी का मान—सम्मान तय करना सभ्य समाज के लिए कलंक के समान है, ग्रामीणों को मजदूर की बेटी पूजा को अपनी बेटी समझकर अपनाना चाहिए..ताकि वह भविष्य में गांव का नाम इसी तरह रोशन करती रहे।

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