हिसार

नया साल नई सोच :बहु को दहेज मान सवा रुपये और नारियल में की शादी

आदमपुर,
आधुनिकता की अंधी दौड़ में जहां विवाह शादियों में लाखों रुपये पानी की तरह बहा दिए जाते है और बाद में वही रिश्ते-नाते दहेज के कारण बनते व बिगड़ते देखे जा रहे है। समाज में अभी भी कुछ ऐसे लोग है जो बिना किसी लालच व दहेज के शादी करने विश्वास रखते है। ऐसे में गांव मोडाखेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि महेंद्र सिंह तरड़ ने बिना किसी दहेज के मात्र सवा रुपये और नारियल लेकर अपने बेटे की शादी करके समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

सरपंच प्रतिनिधि के बेटे अमन कुमार की शादी गत दिवस गांव बगला निवासी कृष्ण सहारण की बेटी मोनिका के साथ बिना किसी दान-दहेज के संपन्न हुई। दुल्हन के पिता गांव बगला निवासी कृष्ण सहारण ने बताया कि अपनी बेटी को दहेज देने का मन बनाया था। परंतु सरपंच के परिवार ने दहेज में किसी भी प्रकार की नकदी और सामान लेने से साफ मना कर दिया। 12वीं पास दुल्हे अमन कुमार ने बताया कि दहेज एक सामाजिक बुराई है, जिसके चलते प्रतिवर्ष असंख्य परिवारों के घर उजड़ते है और ना जाने कितनी ही बेटियां दहेज प्रताडऩा की शिकार होकर जिन्दगी से हाथ धो बैठती है। अमन के अनुसार उनके माता-पिता हमेशा से ही दहेज प्रथा के विरोध में रहे है और उनकी प्रेरणा से ही उसने बिना दहेज के शादी की है और दहेज रूपी बुराई को खत्म करने के लिए सबको ऐसी पहल करने की जरूरत है।
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