हिसार,
श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण ही समस्त दुखों का निवारण है। यही नहीं, श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष का साधन भी है। यह बात मतलोढा धाम के परम संत श्री श्री 1008 श्री फूलपुरी महाराज की कृपापात्र शिष्या एवं डेरा की महंत साध्वी शक्तिपुरी ने बरवाला में नव निर्माण एजुकेशन एंड वेल्फेयर सोसायटी की ओर से बरवाला के वार्ड 4 स्थित अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
उन्होंने बताया कि कर्म ही मनुष्य को महान बनाता है। कर्म से ही मनुष्य की पहचान होती है। जो जैसे कर्म करता है, उसको वैसा ही फल मिलता है। इसके लिए मनुष्य को अच्छे कर्म करने चाहिए, साथ ही बुरे कर्मों से बचना चाहिए। उन्होंने भगवान की लीलाओं का गुणगान करते हुए जीव को मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने श्री कृष्ण द्वारा किए गए कंस वध कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान ब्रज लीलाएं करते हुए मथुरा गए, जहां कंस राजा था। कंस ने कई बार भगवान को मरवाने की कोशिश की, लेकिन प्रभु को पहचान नहीं पाया। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
प्रभु का नाम ही मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि गाय माता पिता और संतों की सेवा करने और आशीर्वाद लेने से आयु में वृद्धि होती है और सुख समृद्धि आती है, इसलिए आज की युवा पीढी को गाय, माता-पिता व संतों की सेवा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य रूप से भाजपा जिला महामंत्री आशारानी खेदड़, साधुराम जाखड़ के अलावा नव निर्माण एजुकेशन एंड वेल्फेयर सोसायटी के पदाधिकारी, सदस्य, आसपास के गांवों के सरपंच व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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