हिसार

सरकारी अस्पताल बना मनमानी का अस्पताल

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सरकार ने आमजन की शक्ति का एहसास करवाने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को नागरिक अस्पताल बना दिया हो, मगर शहर में स्थित नागरिक अस्पताल में नागरिक की नहीं चिकित्सकों के अनुसार ही काम होता है। हैरत की बात तो यह है कि जब आमजन की समस्या के बारे में प्रधान चिकित्सा अधिकारी को अवगत करवाया गया है तो उन्होंने भी अत्प्रत्यक्ष रूप से ‘बेबसीÓ बताकर आमजन को ही सुझाव दिया कि वे चिकित्सकों के अनुसार ही काम करें।
नागरिक अस्पताल में आज दो अलग-अलग चिकित्सकों की कार्यप्रणाली से दो रोगियों को परेशानी रही। कान, नाक व गले के चिकित्सक विमल जैन ने गांव किरमारा के अमरजीत को गले में गांठ होने के चलते उसके उपचार के लिए ओपरेशन करने को आज सुबह सवा सात बजे भूखे पेट बुलाया था। स्थिति यह रही कि रोगी ने दोपहर तक न तो कुछ खाया और न ही पानी तक पिया। इससे उसका गला दर्द करने लगा, मगर इस रोगी को बेहोशी का इंजेक्शन नहीं लगा। रोगी ने बताया कि बेहोशी वाले चिकित्सक नागेश ने उन्हें टीका लगाने से इसलिए मना कर दिया कि आज कान, नाक व गले वाले चिकित्सक का ओपरेशन वाला दिन नहीं है। इस बारे में पीएमओ को बताया गया। डॉ. नागेश से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि सारी स्थिति के बारे में पीएमओ को बता दिया गया है, वे ही इस बारे में बता पाने के लिए सक्षम हैं।

पीएमओ डॉ. दयानंद ने मीडिया के समक्ष स्वीकारा कि कहीं न कहीं, एनेसथीसिया के चिकित्सक और कान, नाक व गले के चिकित्सक में सामंजस्य की कमी हो सकती है। फिलहाल बेहोशी का इंजेक्शन लगाने पर ही रोगी का ओपरेशन हो सकता है। पीएमओ ने कहा कि वे कान, नाक व गले वाले चिकित्सक से बात करेंगे कि वे केवल अपने ओपरेशन वाले दिन ही ओपरेशन करें। इमरजैंसी की बात अलग है। इस तरह बिना ओपरेशन डे के ओपरेशन करने को आऊट ऑफ वे कहा जाता है, जोकि सही नहीं है।
अग्रोहा रेफर करने के चंद मिनटों में ही उतार दिया कैनुला, इमरजैंसी से बाहर जाने को कहा
दूसरा मामला इमरजैंसी वार्ड में हुआ। यहां आजाद नगर क्षेत्रवासी हरी किशन शूगर अधिक होने पर अस्पताल में उपचार के लिए आया। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने उनकी हालत को देखते हुए अग्रोहा रेफर कर दिया। रोगी के परिजन फिलहाल इस रेफरल के लिए परिवार के सदस्यों को राय-मशविरा कर रहे थे। आरोप है कि इसी बीच चिकित्सक ने अपने स्टाफ के सदस्यों को कहकर उस रोगी का न केवल कैनुला उतरवा दिया, बल्कि रोगी को वार्ड से भी बाहर का रास्ता दिखवा दिया। इस बारे में जब रोगी के बेटा प्रीत पीएमओ को बताने के लिए पहुंचे तो पीएमओ साहब ने रोगी के परिजनों को कह दिया कि जब डॉक्टर ने रेफर कर दिया है तो आप अग्रोहा जाएं। परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने पीएमओ के सामने चिकित्सक द्वारा वार्ड से जबरन बाहर निकालने की बात दोहराई तो पीएमओ ने कहा कि स्थिति को देखते हुए रेफर किया होगा, आप चले जाएं।
इस बारे में पीएमओ ने मीडिया के समक्ष बताया कि चिकित्सक ने रोगी की हालत को देखते हुए अग्रोहा रेफर किया है। कोई भी चिकित्सक रोगी को बाहर जाने की बात नहीं कह सकता। फिलहाल इस बारे में आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र संधीर को रोगी के परिजनों तथा चिकित्सक से सारा मामला जानने के लिए कह दिया है।

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