धर्म

स्वामी राजदास : वही है श्रेष्ठ मनुष्य

पत्रकारिकता के क्षेत्र में है तो जीवन आधार न्यूज पोर्टल के साथ जुड़े और 72 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए वार्षिक पैकेज के साथ अन्य बेहतरीन स्कीम का लाभ उठाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

प्रकृति ने धरती पर मौजूद सभी जीवों को कुछ न कुछ जरूर दिया है। कोई बेहतरीन शिकारी है, कोई दूध दे सकता है, कोई बहुत अच्छी सुगंध बिखेर सकता है तो कोई बहुत सुरीली आवाज निकाल सकता है। मगर इन सब में सबसे ज्यादा खूबियां पाने वाला केवल मनुष्य है। प्रकृति ने इसे अच्छा गाने, बोलने, करने, सोचने आदि की तमाम खूबियां दी हैं। यह अपने हाथों से स्वादिष्ट भोजन बना सकता है। यह दूसरों की जिंदगी आसान कर सकता है। यह न्याय कर सकता है, निर्बल को प्रश्रय दे सकता है। यह प्रकृति की परतों में दबी जीवन की गुत्थियों को सुलझा सकता है।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

सबसे ज्यादा पाने के बावजूद मनुष्य नाम का यह जीव सबसे ज्यादा रोता है। इसके रोने की वजह इसे न मिलने वाली चीजें हैं। वह दहाड़ें मार-मार कर उन चीजों के लिए रोता है जो उसके जैसे दूसरे मनुष्य ने बनाई है। वह प्रकृति को उन चीजों के लिए कोसता है जिनका निर्माण उसके जैसे ही मनुष्य ने किया है। अगर वह मनुष्य रोता रहेगा तो यकीन जानो रोता ही रहेगा क्योंकि उसके पास सब कुछ है, बस निर्माण का ज्ञान नहीं है। ऐसा नहीं है कि निर्माण का ज्ञान प्रकृति ने केवल कुछ ही मनुष्य को दिया है। यह सूत्र सबको बराबर मिला है। मगर यह मनुष्य ही है जो तय करता है कि निर्माण का सारा ज्ञान वह निर्माण में लगाता है या विध्वंस में। या फिर इसे लिए वह सुप्तावस्था में बैठा रहता है।

जीवन आधार जनवरी माह की प्रतियोगिता में भाग ले…विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीत सकते है हर माह नकद उपहार के साथ—साथ अन्य कई आकर्षक उपहार..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

एक मनुष्य का मस्तिष्क उसके लिए सब कुछ होता है। इस मष्तिष्क में प्रकृति ने असीम संभावनाओं को बांध रखा है। यदि मनुष्य अपने मस्तिष्क का उपयोग करके उसके भीतर जाएगा तो निर्माण की पहली गिरह खुलेगी। वह जितना इसके भीतर जाता जाएगा, उतना मार्ग आसान बनता जाएगा। यदि मनुष्य अपने मस्तिष्क को उन चीजों में लगाएगा जो दूसरों ने किया है तो वह निर्माता नहीं बन पाएगा, केवल उपभोक्ता ही रह जाएगा। उपभोक्ता के हाथ में केवल वह आता है जिसे बाजार ने पकड़ाया है। बाजार की नजर में नफा-नुकसान अहम है, जबकि मनुष्य के लिए यह मायने नहीं रखता।

पार्ट टाइम नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

एक बार किसी संत से किसी इंसान ने कहा कि मनुष्य सब जीवों में सर्वश्रेष्ठ है। तब संत ने कहा- नहीं, सभी मनुष्य श्रेष्ठ नहीं हैं। केवल वही श्रेष्ठ हैं, जिन्होंने मानव जीवन को दिशा दी है। जिन्होंने दूसरे जीवों की भी चिंता की है, प्रकृति के समानता के नियम का पालन किया है। सर्वश्रेष्ठ वही हैं, जिनमें प्रेम है, जो तोड़ने से दूर जोड़ने में लगा है। जिसके हृदय में दूसरे मनुष्य के लिए उतनी ही जगह है जितनी खुद के लिए। जो जीव-जीव में भिन्नता करे और उनसे नफरत करे, वह मनुष्य हो ही नहीं सकता। जो प्रेम करुणा के साथ निर्माण मार्ग पर बढ़ता जाए, केवल वही मनुष्य है, वही श्रेष्ठ है।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-15

Jeewan Aadhar Editor Desk

सत्यार्थप्रकाश के अंश—15

Jeewan Aadhar Editor Desk

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—232