खेत—खलिहान हिसार

एप्पल बेर की खेती से बदल रही है आदमपुर के किसानों की तकदीर

आदमपुर(अग्रवाल)
अगर राह चलते आपको अमरूद जैसा कोई फल दिखता है तो उसे अमरूद ना समझिए, वह बेर हो सकता है। यह विशेष बेर एप्प्ल बेर है। अमरूद की तरह दिखने वाले ये चमकदार और सामान्य बेर के आकार से बड़े ये बेर बाजारों में ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। अब जल्द ही सामान्य बेरों के मुकाबले बेहतर गुणवत्ता और उत्पादन वाले इन बेरों की खेती राज्य के किसान भी कर पाएंगे। क्षेत्र के किसानों ने थाइलैंड के मशहूर एप्पल बैर की फसल लेनी शुरू की है। इस फल की डिमांड मैट्रो सिटी में रहती है। क्षेत्र के गांव सीसवाल, चूली खुर्द, किशनगढ़, खारिया व किरतान आदि अनेक गांवों के किसानों ने इसकी शुरूआत की है।

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सीसवाल की लाखपुल ढाणियों में प्रगतिशील किसान मनोहरलाल यादव ने दो एकड़ में एप्पल बेर की खेती शुरू की है। करीब डेढ़ साल की मेहनत से उन्होंने पौधे लगाए थे, जो 8 से 9 महीने में फलने लगे। पहले साल में हर पौधे में करीब 70 किलो तक बेर हो जाता है, जबकि दूसरे साल में यह बढक़र 100 किलो के आसपास हो जाता है। जैसे-जैसे पौधों की संख्या और उम्र बढ़ती है, उत्पादन भी बढ़ता चला जाता है। शहरों में यह फल 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। हालांकि यह उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है। इसके पेड़ 6 से 8 फीट तक लंबे होते हैं। इसकी शाखाओं में बेर लद जाते हैं, इसके लिए इसे बांस के खम्भों से सहारा देना पड़ता है। प्रत्येक बेर का वजन करीब 100-150 ग्राम होता है। इससे प्रति एकड़ दो लाख रुपए तक का उत्पादन होता है। इसी तरह गांव किशनगढ़ के किसान कुलदीप यादव ने एक एकड़ में 150 पौधे एप्पल बेर, 100 पौधे अमरुद और 40 पौधे नींबू के लगाए है। मुनाफा देने की खेती होने के चलते किसान कुलदीप यादव ने 17 एकड़ जमीन ठेके पर ली है जिसमें 6 एकड़ जमीन पर एप्पल बेर की पौध लगाई है। उन्होंने बताया कि इसके पौधे पश्चिम बंगाल से लाए जाते हैं। एक पौधा लगभग 70-80 रुपए में मिलता है। पहले साल में ही यह उत्पादन देने लगता है। यह प्रदेश के वातावरण के अनुकूल है। फलों का रंग एप्पल जैसा ही होता है जो नरम और मिठास भरा होता है।
अनेक बार हो चुके सम्मानित
लाखपुल निवासी प्रगतिशील किसान मनोहर लाल यादव जिला और प्रदेश में अनेक बार सम्मानित हो चुके है। किसान ने बताया कि उसने छह एकड़ में अमरुद, एक-एक एकड़ में किन्नु और अंगूर लगा रखे है। किसान ने अमरुद की करीब 40 हजार पौध भी तैयार की है। हिसार सफेदा नामक अमरुद से किसान दो लाख रुपये प्रति एकड़ और किन्नु व अंगूर से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ कमा रहे है। इस तरह किसानों को फलों की खेती से प्रति एकड़ तीन से चार गुना ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।
कम पानी एवं लागत की फसल
आदमपुर के कृषि विकास अधिकारी डा.जनकराज पूनिया का कहना है कि कम पानी एवं लागत की फसल एप्पल बेर क्षेत्र के किसानों की तकदीर संवार रही है। किसानों को खेती के साथ अलग से उपज भी दे सकता है। बेर के पेड़ लगाकर हर साल किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं और बेर किसानों को लखपति बना सकता है। एक बार बेर के पौधे लगाकर किसान की हर साल आमदनी कई गुना बढ़ जाती है।

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